राजस्थान में एक सहायक उपनिरीक्षक (ASI) को रंगेहाथों रिश्वतखोरी करते हुए पकड़ा है. यह कार्रवाई भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो(ACB)ने की है. मामला सुजानगढ़ का बताया जा रहा है. आरोपी की पहचान सुमेर सिंह के रूप में हुई है जो सुजानगढ़ कोतवाली थाने का एक जवान है.
दरअसल, ASI पर आरोप है कि वह दर्ज मुकदमा खत्म करने के बदले 20 हजार रुपये की डिमांड कर रहा था. फरियादी ने बताया कि उससे पुलिस का सहायक उपनिरीक्षक 20 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा था. उसने शिकायतकर्ता से कहा था कि दर्ज मुकदमा 20 हजार रुपये देने पर खत्म होगा.
जाल बिछाकर ASI को पकड़ा
फरियादी ASI की शिकायत लेकर ACB मुख्यालय पहुंचा. इसके बाद एसीबी ने शिकायत का सत्पायन कराया, जिसमें फरियादी का आरोप सही पाया गया. एसीबी की टीम ने सहायक उपनिरीक्षक को रंगे हाथ गिरफ्तार करने के लिए योजना बनाकर फरियादी को 10 हजार रुपये के साथ भेजा. सहायक उपनिरीक्षक ने शिकायतकर्ता से 10 हजार कीमत तय की थी.
रिश्वत लेने बुलाया अस्पताल
आरोपी एएसआई सुजानगढ़ थाने से छुट्टी लेकर अपने गांव जा रहा था. दूसरी ओर पीड़ित परिवादी से रिश्वत लेने के लिए उसे चूरू के भरतिया अस्पताल बुलाया, ताकि भीड़- भाड़ में उसकी इस घूसखोरी का किसी को पता ना चले और पीड़िता से 10 हजार रुपए रिश्वत ले रहा था.
इधर, एसीबी की टीम घात लगाए बैठी थी. जैसे ही सुजानगढ़ कोतवाली के सहायक उपनिरीक्षक ने 10 हजार रुपये लिये वैसे ही टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. इस छापेमार कार्रवाई के बाद थाने में खलबली मच गयी. एसीबी की टीम आरोपी को गिरफ्तार कर मुख्यालय ले गयी.
अलवर में भी हुई थी कार्रवाई
बता दें कि अलवर में भी दो दिन पहले एसीबी ने बड़ी कार्रवाई की थी. सोमवार शाम पीएचईडी का एक्सईएन डेढ़ लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया था. टीम ने घर पर भी छापेमारी की थी, जिसमें 55 लाख नकदी मिलने का खुलासा हुआ था. हालात ऐसे बन गए थे कि नोटों को गिनने के लिए मशीन मंगानी पड़ गई थीं.
एसीबी की टीम आरोपी के घर तलाशी करने पहुंची थी. यहां तलाशी के दौरान जेवरात और दो प्लॉट के कागजात मिलने की पुष्टि हुई थी. इस कार्रवाई में अधिकारियों और कर्मचारियों की काली कमाई का भी पर्दाफाश हो रहा है. छापेमार कार्रवाई से भ्रष्टाचारियों के मंसूबे पर एसीबी लगातार पानी फेरने में जुटी हुई है.