राजस्थान उच्च न्यायालय (Rajsthan High Court) ने राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) के मीडिया प्रबंधक लोकेंद्र सिंह की गिरफ्तारी सहित उनके खिलाफ किसी भी तरह की कठोर कार्रवाई किये जाने पर रोक लगा दी है. राज्य में राजनीतिक संकट के दौरान कांग्रेस विधायकों के फोन टैप किये जाने के बारे में कथित तौर पर ‘‘फेक न्यूज’’ गढ़ने को लेकर सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
अगस्त महीने में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पायलट के बीच सत्ता की रस्साकशी के दौरान कथित तौर पर ‘फेक न्यूज’ गढ़ने को लेकर जयपुर पुलिस ने सिंह सहित दो पत्रकारों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. यह प्राथमिकी विधायकपुरी पुलिस थाने में एक अक्टूबर को राजस्थान तक (आज तक) के शरत कुमार और एक्सवाईजेड न्यूज एजेंसी के सिंह के खिलाफ दर्ज की गई थी.
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सिंह, पायलट से संबद्ध हैं और सोशल मीडिया पर उनकी प्रेस विज्ञप्तियों का काम देखते हैं. शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सिंह के वकील स्वदीप सिंह होरा ने दलील दी कि प्राथमिकी दर्ज किया जाना मीडिया द्वारा खबरों की रिपोर्टिंग पर राज्य सरकार की नियंत्रण की कोशिश है.
उन्होंने कहा कि झूठे आरोपों को लेकर याचिकाकर्ता को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता. न्यायमूर्ति गोवर्द्धन बारदर की एकल पीठ ने निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ गिरफ्तारी सहित कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाए.
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प्राथमिकी में विशेष अपराध एवं साइबर अपराध आयुक्तालय के थाना प्रभारी (एसएचओ) ने आरोप लगाया था कि इन दोनों लोगों ने यह खबर गढ़ी कि उस वक्त जैसलमेर के एक होटल में ठहरे कांग्रेस विधायकों एवं मंत्रियों की जयपुर स्थित मानसरोवर के एक होटल से अवैध फोन टैपिंग की जा रही है. सिंह ने अदालत का रुख किया और एक याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने कहा कि कि यह खबर विभिन्न चैनलों ने चलाई और उन्हें तथा कुमार को दुर्भावनापूर्ण इरादे से निशाना बनाया गया .
Source : Bhasha