राजस्थान के कोटा में देशभर से मेडिकल और आईआईटी की तैयारी करने के लिए छात्र आते हैं. इसे मेडिकल और आईआईटी स्टूडेंड का गढ़ माना जाता है. लाखों की संख्या में यहां बच्चे आंखों में सपने लिए आते हैं. कोटा में कोचिंग का कारोबार भी हजारों करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है. वहीं, लगातार यहां सुसाइड के मामले बढ़ते जा रहे हैं. एक बार फिर से कामर्स की कोचिंग करने वाली छात्रा ने सातवीं मंजिल से छलांग लगा दी. छात्रा ने अपनी मौसी के घर जाकर बिल्डिंग से कूदकर जान दे दी.
कोटा में छात्रा ने उठाया खौफनाक कदम
फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है कि आखिर छात्रा ने ऐसा क्यों किया. छात्रा के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. मिली जानकारी के अनुसार, छात्रा की पहचान जिया खंडेलवाल के रूप में क गई है. वह कोटा में रहकर कामर्स की कोचिंग कर रही थी. 19 वर्षीय छात्रा अपने मौसी के घर आई थी और उसने अपनी जिंदगी खत्म कर ली. छात्रा ने जैसे ही छलांग लगाई, उसे आनन फानन में अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. छात्रा के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.
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मांसी के घर से लगा दी छलांग
पुलिस फिलहाल मामले की जांच कर रही है. जिया के सुसाइड की वजह क्या है. इसका अब तक पता नहीं चल पाया है. छात्रा के माता-पिता दोनों डॉक्टर हैं. कोटा की बात करें तो यहां हर साल जुलाई से लेकर जनवरी तक लाखों की संख्या में नीट और जेईई की तैयारी के लिए छात्र आते हैं और कई छात्र प्रेशर में आकर मौत को गले लगा लेते हैं.
आईआईटी-नीट का हब है कोटा
कोटा में कोचिंग के कारोबार से अर्थव्यवस्था भी तेज रफ्तार से बढ़ी है. कोटा में कोचिंग फीस की बात करें तो सलाना 50-1.50 लाख रुपये तक का है. कोटा में सबसे ज्यादा यूपी, बिहार, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के छात्र ज्यादा आते हैं. इस कोचिंग सेंटर से सरकार को भी हर साल करीब 700 करोड़ रुपये का टैक्स मिलता है. यहां कोचिंग सेंटर की वजह से शहर के लोग हजारों-लाखों रुपये कमा रहे हैं. सिर्फ कोचिंग सेंटर में 2 लाख से ज्यादा नौकरियां है.