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उदयपुरः पर्यटन के अंतरराष्ट्रीय पटल पर उभरा नाथद्वारा,  369 फीट की प्रतिमा ने बनाई अलग पहचान 

पर्यटन के अंतराष्ट्रीय पटल पर उभरे नाथद्वारा के  369 फ़ीट की बनी विश्व के सबसे ऊंची  शिव प्रतिमा "विश्वास स्वरूप " ने एक अलग ही पहचान बनायी है. जिसके लोकार्पण के लिए शहर को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है.

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Mohit Sharma
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Nathdwara

Nathdwara( Photo Credit : News Nation)

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पर्यटन के अंतराष्ट्रीय पटल पर उभरे नाथद्वारा के  369 फ़ीट की बनी विश्व के सबसे ऊंची  शिव प्रतिमा "विश्वास स्वरूप " ने एक अलग ही पहचान बनायी है. जिसके लोकार्पण के लिए शहर को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है. तत पदम् संस्थान की ओर से श्रीनाथजी की नगरी नाथद्वारा में  इसके लिये जोरों शोरों से तैयारियां की जा रही है और शहर के मुख्य को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया जा रहा है. ताकि देश विदेश से आने वाले पर्यटकों में बेहतर सन्देश जा सके।  इतना ही नहीं यहां के पर्यटन उद्योग को भी नई गति प्रदान मिल सकेगी.  धार्मिक नगरी में अब विश्व स्तरीय पर्यटन भी विकसित होगा. हरी भरी वादियों को विकसित कर बनाई गई विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा के भ्रमण को लेकर कुछ ख़ास बातें इस प्रकार हैं।

उदयपुर जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर गणेश टेकरी की पहाड़ी पर स्थित यह प्रतिमा सभी राज्य और जिला मुख्यालयों से जुड़ा हुआ पर्यटन स्थल है। प्रतिमा स्थल पर प्रवेश करते ही पार्किंग में गाड़ी खड़ी कर टिकट ले कर 200 मीटर दूर स्थित पार्क के एंट्री गेट तक पैदल व गोल्फ कार्ट से आ सकेंगे ।

मुख्य प्रवेश द्वार :- पार्किंग स्थल से 200 मीटर की दूरी पर आकर्षक मैन एन्ट्री गेट बनाया गया है। मैन गेट से एन्ट्री करते ही आप स्वयं महसूस करेंगे कि आप किसी खास जगह पर आ गये है। मैन एन्ट्री गेट पर ही आपको संपूर्ण क्षेत्र की सहज जानकारी भी उपलब्ध हो जायेगी। अर्ध चंद्राकर मे बने मैन एंट्री गेट के दोनो ओर भगवान की प्रतिमाये व बीच मे एक शिवलिंग लगाया गया है। वही  बता दे कि अभी तक श्रीजी की नगरी  नाथद्वारा  धार्मिक पर्यटन नगरी के रूप में ही जानी जाती थी, लेकिन अब ‘‘विश्वास् स्वरूपम" में एडवेंचर ट्यूरिज्म को भी उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है। यहां विश्व स्तरीय बेहतरीन जिप लाईन का निर्माण किया गया।  जो आने वाले  पर्यटकों को रोमांचित करेगा,  औऱ सैलानीयो को विश्व स्तर की साहसिक गतिविधि का लाभ भी मिल सकेगा , वहीं  ‘‘विश्वास् स्वरूपम" परिसर मे जंगल कैफ़े भी बनाया गया हैं। जिससे इस एरिया मे पर्यटको कों घने जंगल ओर जंगल सफारी का अहसास होगा।

परिसर में एक संगम स्थल भी विकसित किया गया हैं। यहाँ पर्यटक नंदी एवं शिव प्रतिमा के साथ सेल्फी भी ले सकेंगे। यहाँ 5 रास्तो का मिलन होने के कारण भी इसे संगम स्थल कहा जाता हैं। इतना ही नहीं 
‘विश्वास् स्वरूपम" में जहां भगवान शिव की प्रतिमा अल्हड़ मुद्रा में नजर आ रही है वही यहां स्थापित 21 फीट की नंदी की प्रतिमा भी मस्त मुद्रा में है। नंदी के तीन पैर जमीन पर तथा एक पैर हवा में इसकी मस्त मुद्रा को बयां करता है। नंदी की इस तरह की प्रतिमा बहुत कम दृश्टिगोचर होती है। नंदी को भगवान शिव के धाम का द्वारपाल भी माना गया है, इसलिए यहां भी नंदी की विशेष मुद्रा को स्थापित किया गया है। वही 
शिव प्रतिमा के सामने कृतिम तालाब बनाया गया हैं ओर इस तालाब के ऊपर हरिहर सेतु बनाया गया है।

बता दें कि क्षेत्र में 15000  वर्ग फीट एरियें में म्यूजिकल फाउंटेन भी विकसित किया गया है। जिसके नजदीक ही स्टेडियम नुमा सीढ़ीयों का निर्माण भी किया गया है ताकि पर्यटक आराम से बैठकर म्यूजिकल फाउंटेन का आंनद ले सके। 

यहाँ पर्यटक विभिन्न प्रकार के खेलो का आनंद ले सकेंगे।
विश्व स्तरीय सुरक्षा उपकरणों से सुसज्जित कृत्रिम रूप से देश् का सबसे ऊंचा बंजी जंपींग टावर यहां स्थापित किया गया है। टाॅवर बेस्ड इस जंपिंग की ऊंचाई 185 फ़ीट  है। इसमें प्रयुक्त होने वाले रस्से भी विशेष तौर पर अमेरीका से मंगवायें गये हैं। पर्यटकों की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जायेगा तथा समय समय पर सुरक्षा मापदण्डों को जांचा व परखा भी जायेगा। यहाँ 10 मीटर का ग्लास वॉक भी बनाया गया हैं। आपकों यह भी 

धार्मिक नगरी नाथद्वारा मे बनी  ‘‘विश्वास् स्वरूपम" में विश्व की सबसे ऊंची 369 फीट की शिव प्रतिमा स्थापित की गई है। इस प्रतिमा मे भगवान शिव अल्हड़ मुद्रा में विराजित है और यह प्रतिमा 20 किलोमीटर दूर से ही नजर आने लग जाती है। आरसीसी से निर्मित यह प्रतिमा 250 किलोमीटर प्रति घण्टा की रफ्तार से चलने वाली हवाओं को झेलने में सक्षम है। लोगों के रोमांच को बरकरार रखने के लिए विश्व की सबसे ऊंची इस शिव प्रतिमा में व्यूइंग गैलरी भी बनाई गई है।  270 से 280 फीट ऊंचाई पर इस व्यूइंग गैलरी से आप यहां आप अरावली पहाड़ियों के आस पास के नजारे का आनंद ले सकेंगे। यहां सीढ़ीयां भी ग्लास की ही बनाई गई है। व्यूइंग गैलरी में जाने के लिए पर्यटक लिफ्ट तथा सीढ़ियों का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसे में 29 अक्टूबर से 6 नवम्बर तक आयोजित होने वाली मुरारी बापू रामकथा औऱ लोकार्पण के लिये 
नाथद्वारा को  दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है 

Source : Jamal Khan

Nathdwara
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