राजस्थान के टोंक जिले के सदर थाना इलाके से एक बेहद संगीन और दर्दनाक घटना सामने आई है, जिसमें एक शादीशुदा महिला के साथ न केवल बलात्कार हुआ, बल्कि अमानवीय यातनाएं भी दी गईं. पीड़िता ने आरोप लगाया है कि उसके जेठ, मानसिंह ने उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया और जब उसने इसका विरोध किया, तो उसकी सास, जेठानी और एक अन्य महिला ने मिलकर उसे प्रताड़ित किया. इन महिलाओं ने पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में मिर्च डाल दी और उसे करंट के झटके भी दिए. घटना के दौरान पीड़िता के हाथ-पैर में फ्रैक्चर हो गया और शरीर पर गंभीर चोटें आईं.
विवाहिता के साथ हुई भयावह घटना
यह भयावह घटना रामनवमी के दिन की है, जब पीड़िता अपने चाचा ससुर के घर माता पूजन की जानकारी लेने गई थी. उस समय घर की अन्य महिलाएं भी बाड़े में मौजूद थीं. मौके का फायदा उठाकर जेठ ने पीड़िता के साथ जबरदस्ती की. जब पीड़िता ने इसका विरोध किया और शोर मचाया, तो उसके ऊपर और भी अत्याचार किए गए. पीड़िता के अनुसार, उसकी सास, जेठानी और एक अन्य महिला ने मिलकर उसके प्राइवेट पार्ट में मिर्च डाल दी और उसे बिजली के झटके भी दिए.
जेठ ने बहू को बनाया रेप का शिकार
पीड़िता का पति, जो एक ट्रक ड्राइवर है, घटना के वक्त घर पर मौजूद नहीं था. उसकी अनुपस्थिति में ही यह वीभत्स घटना घटी. पीड़िता ने इस अत्याचार का जिक्र अपने नाबालिग बेटे से किया, जिसने अपनी मां की हालत देखी और अपने मामा को इस बारे में जानकारी दी. इसके बाद पीड़िता के परिवार ने स्थानीय सदर थाने में जाकर इस घटना की रिपोर्ट दर्ज करवाई.
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच शुरू कर दी है. आरोपी मानसिंह, जो राजस्व विभाग में पटवारी के पद पर कार्यरत है, इस घटना के बाद से फरार है. पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी है और उसे पकड़ने के लिए संभावित स्थानों पर छापेमारी की जा रही है. इसके अलावा, पुलिस ने आरोपी की मां, उसकी पत्नी और एक अन्य महिला को भी इस मामले में नामजद किया है, जिन पर अमानवीय अत्याचार का आरोप है.
समाज के लिए चिंता का विषय
इस घटना ने समाज में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. एक महिला के साथ उसके ही घर के लोगों द्वारा किया गया यह कृत्य केवल उसकी शारीरिक पीड़ा का कारण नहीं बना, बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी उसे गहरा आघात पहुंचा है. इस तरह की घटनाएं हमारे समाज में व्याप्त असमानता और महिलाओं के प्रति हिंसा की गंभीर समस्या की ओर इशारा करती हैं.