पर्यटकों से गुलजार रहने वाले राजस्थान में इन दिनों सन्नाटा छाया हुआ है. इसके पीछे वजह आर्थिक मंदी है. जयपुर में पर्यटकों की तादाद में भारी कमी आई है. सप्ताह के अंत को छोड़कर अन्य दिनों में कम पर्यटक जयपुर पहुंच रहे हैं. आलम यह है कि यहां के होटलों के 60 से 70 फीसद कमरे खाली पड़े हैं.
देश में आर्थिक मंदी का असर उद्योगों के बाद पर्यटन कारोबार पर भी पड़ने लगा है. पर्यटन नगरी, गुलाबी नगरी के नाम से देश-दुनिया में विख्यात जयपुर के पर्यटन में गिरावट हो रही है. तमाम ऐतिहासिक इमारतें पर्यटकों की बांट जोह रही हैं. जंतर, मंतर, हवामहाल, नाहरगढ़, आमेर फोर्ट, अल्बर्ट हाल को देखने आने वाले देशी विदेशों पर्यटकों की संख्या के कमी आई है.
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पर्यटन की गिरावट का असर पूरे टूरिस्ट व्यवसाय पर पड़ रहा है. जिसके कारण होटल, फ़ूड, ट्रांसपोर्ट, टूरिस्ट व्यवसाय प्रभावित हो रहा है. निजी होटलों का तो और भी बुरा हाल है. करीब 35 फीसदी की गिरावट होटल्स में देखने को मिल रही है. टैक्सी ऑपरेटर भी आजकल बेकार बैठे हैं. जयपुर के पर्यटन स्थलों पर आजकल कम ही सैलानी नजर आ रहे हैं.
होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन राजस्थान जयपुर के अध्यक्ष कुलदीप चंदेल का कहना है कि अगस्त में शहर के होटलों में बुकिंग जो सामान्य तौर पर इस माह में आधी रह गई है. दो महीने में पर्यटन कारोबार कम रहा. उन्होंने माना कि अर्थव्यवस्था में आ रही कमी के कारण सैलानी घूमने नहीं आ रहा है.
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पर्यटन व्यवसाय जयपुर के ही नहीं बल्कि राजस्थान के विकास की अहम कड़ी है. लाखों लोगों का रोजगार इससे जुड़ा है. ऐसे में आर्थिक मंदी का असर कम नहीं हुआ तो हालात और बिगड़ सकते हैं.