राजस्थान में एक बार फिर बीजेपी और कांग्रेस के बीच ट्विटर वॉर शुरू हो गया है. पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के सुलह कमेटी की ओर से कार्रवाई नहीं होने बयान पर भाजपा नेताओं ने ट्वीट किए. इसका जवाब देते हुए सचिन पायलट ने कहा कि आपसी फूट व अंतर्कलह इतनी हावी है कि राज्य में बीजेपी विपक्ष की भूमिका भी नहीं निभा पा रही. इसकी शुरूआत तब हुई जब भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट कर कहा था, 'आखिर मन का दर्द होठों पर आ ही गया, ये चिंगारी कब बारूद बनकर फूटेगी, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा, कांग्रेस को सत्ता तक पहुंचाने में तत्कालीन कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट जी ने अहम भूमिका निभाई थी. सुलह कमेटी के पास मुद्दे अब भी अनसुलझे ही हैं, ना जाने कब क्या हो जाए...'
यह भी पढ़ेंः राहत : लगातार दूसरे दिन एक लाख से कम नए केस, बीते 24 घंटे में 2219 मौतें
इस ट्वीट का जवाब सचिन पायलट ने ट्वीट के जरिए ही दिया. उन्होंने ट्वीट कर कहा 'प्रदेश के भाजपा नेताओं को व्यर्थ बयानबाज़ी की बजाय अपनी स्थिति पर गंभीरता से विचार करना चाहिए, आपसी फूट व अंतर्कलह इतनी हावी है कि राज्य में भाजपा विपक्ष की भूमिका भी नहीं निभा पा रही, इनकी नाकाम नीतियों से देश में उपजे संकट में जनता को अकेला छोड़ने वालों को जनता करारा जवाब देगी.'
सुलह कमेटी को लेकर छिड़ी बहस
दरअसल राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच पिछले साल जबरदस्त तकरार हुई थी. इसके बाद दोनों नेताओं के बीच सुलह कराने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने एक कमेटी का गठन किया था. इसी कमेटी को सुलह कमेटी कहा जाता है. इस कमेटी के गठन के 10 महीने बीत जाने के बाद भी कमेटी अभी तक अपनी रिपोर्ट नहीं दे पाई है.
यह भी पढ़ेंः चीन कोरोना नमूनों को कर रहा नष्ट, जांच में लीपापोती पर WHO ने घेरा
कांग्रेस की तीन सदस्यीय सुलह कमेटी की अब तक रिपोर्ट नहीं आने पर कांग्रेस में एक बार फिर विरोध के सुर उठने शुरू हो गए हैं. पूर्व डिप्टी CM सचिन पायलट ने उनसे किए गए वादे पूरे नहीं होने पर नाराजगी जताई है. पायलट ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में खुलकर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि 10 महीने हो गए हैं और उनसे किए वादे पूरे नहीं किए हैं. पायलट ने कहा, 'मुझे समझाया गया था कि सुलह कमेटी तेजी से एक्शन लेगी, लेकिन आधा कार्यकाल पूरा हो चुका है और वे मुद्दे अब भी अनसुलझे ही हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन कार्यकर्ताओं ने पार्टी को सत्ता में लाने के लिए रात-दिन मेहनत की और अपना सब कुछ लगा दिया, उनकी सुनवाई ही नहीं हो रही है.'