Advertisment

राजस्थान में डर गई कांग्रेस की सरकार, मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत ने लिया यू-टर्न

निकाय प्रमुखों के चुनाव को लेकर गहलोत सरकार ने यू टर्न लेते हुए सोमवार को अपने ही फैसले को पलट दिया है.

author-image
Drigraj Madheshia
New Update
राजस्थान में डर गई कांग्रेस की सरकार, मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत ने लिया यू-टर्न

अशोक गहलोत, सचिन पायलट और राहुल गांधी( Photo Credit : File)

Advertisment

निकाय प्रमुखों के चुनाव को लेकर गहलोत सरकार ने यू टर्न लेते हुए सोमवार को अपने ही फैसले को पलट दिया है. राज्य सरकार ने निकाय के प्रमुखों के चुनाव सीधे न कराकर अप्रत्यक्ष तौर से कराने का फैसला लिया है. सोमवार को सीएमओ में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया है. माना जा रहा है सरकार कैबिनेट से पास हुए प्रस्ताव को मंजूरी के लिए राज्यपाल के भेजेगी. राज्यपाल से मंजूरी के बाद अधिसूचना जारी की जाएगी. वहीं भाजपा ने इस फैसले को लेकर कांग्रेस सरकार पर हमला बोला है. भाजपा ने कहा कांग्रेस ने जनता के मूड़ को भांपकर यह फैसला लिया है साफ कांग्रेस चुनाव लड़ने से पहले हार मान चुकी है.

प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार ने अपने ही फैसले पर यू-टर्न लेते हुए अब स्थानीय निकाय चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का निर्णय किया है. प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद गहलोत कैबिनेट ने अपनी पहली बैठक में स्थानीय निकाय के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का फैसला लिया गया था. लेकिन आठ माह बाद सरकार ने अब अपने ही फैसले को पलट दिया है. अब पार्षद ही निकाय प्रमुख और  महापौर का चुनाव करेंगे. इसके पीछे स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने कई कारण गिनाए हैं.

यह भी पढ़ेंःजीते जी अगर नहीं छपती अल्फ्रेड नोबेल (Alfred Nobel) की मौत की खबर तो...

सोमवार को सीएमओ में सीएम अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक के बाद मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि चुनाव में हारने की डर की वजह से यह फैसला
नहीं लिया है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव में हिंसा फैला सकता था. शांति, समरसता और भाईचारा बना रहे इसलिए हमने अपना फैसला पलटा है. उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक माहौल को देखते हुए प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराना संभव नहीं है. प्रत्यक्ष प्रणाली से जनता में भय और आक्रोश और हिंसा का माहौल देखने को मिलता है. उन्होंने सीधे बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि वह हिंसा का माहौल बनाने की कोशिश कर रही है.

यह भी पढ़ेंःये हैं भारत के 10 नोबेल पुरस्‍कार विजेता, रवीन्द्रनाथ टैगोर थे पहले

वहीं भाजपा ने कांग्रेस सरकार के इस निर्णय को लेकर हमला बोला है. भाजपा के नेताओं का कहना है कि जिस तरह से सरकार ने अपने ही फैसले को बदला है उससे साफ है कि सरकार की हालत खास्ता है. धारा 370 हटाये जाने के बाद जो महौल बदला है, साथ ही राजस्थान में कांग्रेस सरकार में बढ़ते अपराध से जनता में नाराजगी है.ऐसे में कांग्रेस सीधे चुनाव कराने से डर गई. 

यह भी पढ़ेंःअयोध्‍या केस में जानें अब तक मुस्‍लिम और हिंदू पक्ष की दलीलें, देखें किसकी दलील में कितना दम

उल्लेखनीय है कि राजस्थान के 193 निकायों में 4 चरणों में इस वर्ष के अंत से चुनाव होने हैं. इसके तहत पहले चरण में 52 निकायों में इसी वर्ष नवंबर में चुनाव होना प्रस्तावित है. पहले चरण में 46 पुराने और 6 नए निकाय शामिल हैं. इस चरण में नसीराबाद, थानागाजी, परतापुर-गढ़ी, रूपवास, महुवा और खाटूश्यामजी जैसे नए गठित किए गए निकाय भी शामिल हैं. इन निकायों में वार्डों का फिर से सीमांकन पूरा हो चुका है. इनकी अधिसूचना जारी कर दी गई है.

Source : लालसिंह फ़ौज़दार

rajasthan Mayor Ashok gahlot local body election
Advertisment
Advertisment
Advertisment