उदयपुर हत्याकांड मामले को लेकर एक ओर जहां NIA की जांच का दायरा तेजी से बढ़ रहा है. वहीं, इस बीच जांच पर सियासी सवाल भी खड़े हो रहे हैं. गहलोत सरकार के कैबिनेट मंत्री महेश जोशी ने NIA की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक बार NIA का बैकफुट पर आना संदेह पैदा करता है. ऐसे में वे निष्पक्ष जांच की मांग करते हैं. उधर, गहलोत के कैबिनेट मंत्री के इस बयान पर भाजपा ने वोट बैंक की राजनीति वाला बयान करार देते हुए कहा कि यदि जांच गहलोत सरकार की पुलिस के पास ही होती तो शायद कभी इतने आरोपी गिरफ्तार ही नहीं होते.
गहलोत सरकार के मंत्री ने NIA से की निष्पक्ष जांच की मांग
दरअसल, जैसे-जैसे उदयपुर हत्याकांड की NIA की जांच आगे बढ़ रही है. वैसे-वैसे गहलोत सरकार की तरफ से नए-नए बयान सामने आ रहे हैं. जहां 24 घंटे पहले खुद सीएम अशोक गहलोत ने उदयपुर हत्याकांड के आरोपियों का सम्बन्ध भाजपा नेताओं से होने का संगीन आरोप लगाकर उनके खिलाफ कार्रवाई रोकने के लिए पुलिस पर भाजपा नेताओं द्वारा दबाव बनाए जाने का आरोप लगाया था. वहीं, मंगलवार को गहलोत सरकार के ही कैबिनेट मंत्री महेश जोशी ने NIA की जांच पर ही सवाल उठा दिया. महेश जोशी की माने तो NIA पहले इस घटना को ही आतंकी घटना न मानकर मामले को घुमाने की कोशिश कर रही थी. वहीं, अब भाजपा नेताओं के साथ आ रही तस्वीरों की जांच पर भी चुप है. हालांकि, महेश जोशी ने यह भी कहा की वे NIA पर सीधा कोई आरोप नहीं लगा रहे हैं, लेकिन उम्मीद करते हैं कि उसे मामले की सही तरीके से जांच करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं कोई आरोप नहीं लगा रहा हूं, लेकिन मैं चाहूंगा कि NIA इस मामले की निष्पक्ष जांच करें.
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भाजपा ने गहलोत सरकार की नीयत पर उठाए सवाल
दूसरी तरफ भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने महेश जोशी के इन आरोपों को सिरे से निराधार बताते हुए कहा है कि NIA ठीक तरह से जांच नहीं कर पाएगी, यह बयान राजनीति से प्रेरित हैं. जोधपुर और करौली के दंगाइयों की गिरफ्तारी नहीं हो पा रही है. यदि जांच राजस्थान पुलिस के पास ही होती तो अब तक यही सन्देश जाता कि जितना अपराध करना है करों, हम पकड़ेंगे भी नहीं. सच यह है कि यहां आम आदमी सुरक्षित नहीं है. इस तरह का बयान देकर ये जांचे प्रभावित करने के साथ लोगों को उकसाने का भी काम कर रहे हैं.
Source : Lal Singh Fauzdar