फोन टैपिंग केस को लेकर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान सरकार पर निशाना साधा है. शेखावत ने कहा कि जिनके घर शीशे के होते हैं, उन्हें दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकने चाहिए. मुख्य सचेतक महेश जोशी को अनर्गल बयानबाजी के बजाय दिल्ली पुलिस के समक्ष अपनी सफाई पेश करनी चाहिए. बुधवार रात अपने बयान में शेखावत ने कहा कि यह बात जगजाहिर है कि अपनी कुर्सी बचाए रखने के लिए राज्य के मुखिया अशोक गहलोत ने फोन टैपिंग का सहारा लिया. अपने ही विधायकों के फोन टैप कराए. विरोधी पक्ष के नेताओं के फोन कराए गए. गहलोत जी की सरकार शुरू से विग्रह का शिकार है और ऐसे हथकंडे अपना रही है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले साल फोन टैपिंग को लेकर इन्होंने अपने नेताओं और यहां तक मीडिया कर्मी तक पर केस दर्ज कराया था. हाल में कांग्रेस के एक विधायक ने सरकार पर विधायकों के फोन टैप कराने का आरोप लगाया. आश्चर्यजनक बात यह है कि एक तरफ गहलोत जी फोन टैपिंग की बात से मुकरते हैं और दूसरी तरफ उनके करीबी व वरिष्ठ मंत्री विधानसभा में इस बात को स्वीकार कर लेते हैं. शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री को यह स्पष्ट करना चाहिए कि झूठ कौन बोल रहा है, वो या उनके वरिष्ठ मंत्री.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिल्ली पुलिस फोन टैपिंग की जांच कर रही है. पुलिस जांच में सहयोग करने के बजाय राजनीतिक राग अलापना कांग्रेस की परंपरा रही है. उल्टे-सीधे आरोप लगाने से बेहतर यही है कि मुख्य सचेतक महेश जोशी पुलिस जांच में सहयोग करें, लेकिन लगता है कि उन्हें डर है कि कहीं इस निष्पक्ष जांच के कारण राजा की कुर्सी खतरे में आ जाए.
सीएम के ओएसडी को 6 अगस्त तक हाईकोर्ट से राहत मिल चुकी
क्राइम ब्रांच में दर्ज एफआईआर को लेकर लोकेश शर्मा पिछले दिनों दिल्ली हाईकोर्ट चले गए थे. कोर्ट ने 6 अगस्त तक अगली सुनवाई का समय दिया और क्राइम ब्रांच को तब तक के लिए कोई भी कार्रवाई नहीं करने को कहा था.
दिल्ली क्राइम ब्रांच अब कई नेताओं और अफसरों को भी पूछताछ के लिए बुलाएगी
महेश जोशी को नोटिस मिलने के बाद अब दिल्ली क्राइम ब्रांच कांग्रेस के कुछ नेताओं, अफसरों को भी पूछताछ के लिए बुला सकती है. गहलोत सरकार का मैनेजमेंट संभालनेद वाले कई नेताओं को पूछताछ का नोटिस मिलना तय माना जा रहा है. कई पुलिस अफसरों करो भी नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है.
Source : News Nation Bureau