राजस्थान परिवहन विभाग में व्यापक भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है. इसको लेकर मंत्री शांति धारीवाल ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग में एसीबी (Anti Corruption Bureau) की कार्रवाई में व्यापक भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है. 8 अफसरों और 7 निजी व्यक्तियों को पकड़ा गया है. परिवहन विभाग पर एसीबी लगातार कार्रवाई कर रही है. भाजपा राज में परिवहन विभाग के खिलाफ एसीबी ने 13 दिसंबर 2013 से 16 दिसंबर 2018 तक 30 मामले दर्ज किए हैं. इनमें ट्रेप के 15 पद के दुरुपयोग के 15 मामले दर्ज किए गए हैं.
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17 दिसंबर 2018 से अब तक परिवहन विभाग के खिलाफ 6 मामले दर्ज किए गए हैं. इनमें ट्रेप के 3 मामले, पद के दुरुपयोग के 2 मामले, 16 फरवरी 2020 को परिवहन अफसरों द्वारा अवैध वसूली की सचूना के मामले में कार्रवाई जारी है. सदन में जवाब देते हुए मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि परिवहन विभाग में अफसरों और दलालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. एसीबी को अवैध वसूली की सूचना मिल थी. एसीबी ने छह टीमों का गठन किया था. कार्रवाई के दौरान 40 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया गया.
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दलाल मनीष शर्मा से अन्य अफसरों को देने के लिए रखे 1.20 लाख रुपये भी जब्त किए गए. एसीबी ने 13 व्यक्तियों के फोन सर्विलांस पर रखे गए थे. भाजपा विधायक अशोक लाहोटी ने पूछा कि पकड़ा गया जसवंत कौन है? इसके किससे संबंध हैं, क्या चार माह पहले भी पैसा बनीपार्क में पकड़ा गया था? 1 करोड़ 20 लाख रुपये एसीबी पकड़े तो यह बड़ा मामला है. 1.20 करोड़ रुपये किसको जा रहे थे. निजी बसों से वसूली का बड़ा रैकेट है. परिवहन विभाग के अवैध नाकों से वसूली होती है. इसके बाद बीजेपी ने संसद से वॉकआउट किया. मंत्री शांति धारीवाल के जवाब पर हंगामा हो गया.