राजस्थान में बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. पार्टी के कार्यक्रम के पोस्टर में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया की तस्वीर गायब होने से विवाद पैदा हो गया है. पोस्टर विवाद के बीच अब वसुंधरा राजे ने चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने कहा कि वह लोगों के दिलों में रहना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि वह 'पोस्टर पोलिटिक्स' में विश्वास नहीं करती हैं. उन्होंने कहा कि वह पहले भी खुद अपने पोस्टर को हटाने का आदेश दे चुकी हूं. वसुंधरा के इस बयान को पार्टी के भीतर ही उनके जवाब के तौर पर देखा जा रहा है.
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पोस्टर्स और होर्डिंग्स से वसुंधरा राजे की तस्वीर गायब होने के बाद उनके समर्थकों में नाराजगी है. उनका कहना है कि राजस्थान में वसुंधरा ना सिर्फ बीजेपी के लिए जरूरी है, बल्कि मजबूरी भी हैं. आपको बता दें कि राजस्थान की राजधानी जयपुर में पार्टी मुख्यालय के बाहर बड़े होर्डिंग्स लगे थे. इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के अलावा, गुलाब चंद कटारिया और सतीश पूनियां की तस्वीर थी. वहीं, दूसरी होर्डिंग में दीन दयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी की तस्वीर थी.
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वसुंधरा अपने निर्वाचित क्षेत्र झालावाड़ में थी. वहां जब पत्रकारों ने उनके पोस्टर विवाद के बारे में पूछा तो उन्होंने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि मैं पोस्टर के माध्यम से कुछ भी हासिल नहीं करूंगी. लोगों का प्यार और आशीर्वाद पाने से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं है. वसुंधरा ने कहा कि जब मैं पहली और दूसरी बार मुख्यमंत्री बनी थी और जयपुर पहुंची थी हर जगह पर मेरे बड़े-बड़े पोस्टर थे, जिन्हें मैंने तुरंत हटवाया था. बता दें कि वसुंधरा राजे के इस बयान को पार्टी में असंतोष की आवाज के रूप में देखा जा रहा है. राज्य में पार्टी के पोस्टरों से वसुंधरा राजे की तस्वीर हटाए जाने के बाद विवाद खड़ा हो गया है.