सीकर में आज अलसुबह से ही जोरदार बारिश का सिलसिला जारी है. सीकर जिला मुख्यालय पर सुबह अच्छी बारिश हुई, लेकिन करीब 11 बजे के बाद तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश ने शहर को बाढ़ जैसे हालात में डाल दिया. दो घंटे से अधिक चली इस बारिश ने नवलगढ़ रोड, बजाज रोड, बस डिपो इलाका, घंटाघर क्षेत्र, महामंदिर रोड, पुराना लोहारू बस स्टैंड, फतेहपुर रोड और बकरा मंडी जैसे इलाकों को जलमग्न कर दिया.
निचले इलाकों में जलभराव
मूसलाधार बारिश के कारण सीकर शहर के निचले इलाकों में भारी जलभराव हो गया. सड़कों पर पानी भरने से यातायात बाधित हो गया और वाहन चालक और राहगीर पानी में होकर गुजरने को मजबूर हो गए. कई वाहन पानी में फंस गए, जिन्हें लोगों ने बड़ी मुश्किल से बाहर निकाला. नवलगढ़ रोड और पिपराली रोड पर बड़ी संख्या में कोचिंग संस्थान होने के कारण छात्र भी बारिश के पानी में से होकर गुजरते रहे, जिससे उनकी सुरक्षा खतरे में पड़ गई.
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प्रशासन और नगर परिषद की तैयारियों की पोल खुली
बारिश ने जिला प्रशासन और नगर परिषद के दावों की पोल खोल दी. शहर में जगह-जगह जलभराव होने से साफ हो गया कि मानसून के पहले की तैयारियों में कहीं न कहीं कमी रह गई थी. पिछले साल मानसून के समय नवलगढ़ रोड पर सड़क निर्माण कार्य के लिए खोदे गए गड्ढे में गिरने से एक छात्र की मौत हो गई थी. इसके बावजूद, इस बार भी प्रशासन, नगर परिषद और कोचिंग संचालकों ने उससे कोई सबक नहीं लिया.
कोचिंग छात्रों की सुरक्षा पर सवाल
पिछले साल हुई दुर्घटना के बाद भी इस साल नवलगढ़ रोड और पिपराली रोड पर कोचिंग छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए. भारी जलभराव के कारण छात्रों को अपनी जान जोखिम में डालकर पानी में से होकर गुजरना पड़ा. इस स्थिति ने प्रशासन और नगर परिषद की तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
स्थानीय निवासियों की परेशानियां
भारी बारिश ने स्थानीय निवासियों की समस्याओं को भी बढ़ा दिया है. जलभराव के कारण लोगों के घरों में पानी घुस गया और कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई. निवासियों को पीने के पानी और अन्य जरूरी सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ा. शहर की सड़कों पर जमा पानी के कारण दुकानदारों और व्यवसायियों को भी भारी नुकसान का सामना करना पड़ा.
आवश्यक सुधारों की जरूरत
सीकर में हुई इस मूसलाधार बारिश ने एक बार फिर प्रशासन को आवश्यक सुधारों की ओर ध्यान देने की जरूरत को उजागर किया है. शहर में जल निकासी की व्यवस्था को सुधारने और मानसून से पहले तैयारियों को मजबूत करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाने चाहिए. कोचिंग संस्थानों और स्कूलों के आसपास सुरक्षा प्रबंधों को भी सख्त करने की जरूरत है ताकि छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
समाधान की दिशा में कदम
प्रशासन को अब शहर के जल निकासी तंत्र को सुधारने, निचले इलाकों में जलभराव को रोकने और भविष्य में ऐसी स्थिति से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की दिशा में काम करना चाहिए. इसके साथ ही, कोचिंग संस्थानों और स्कूलों के आसपास की सड़कों की मरम्मत और सुरक्षा प्रबंधों को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए.
HIGHLIGHTS
- सीकर में मूसलाधार बारिश
- जलमग्न हो गए कई इलाके
- जनजीवन अस्त-व्यस्त
Source : News Nation Bureau