राजस्थान में जहां चुनावी माहौल चरम पर है और सभी दल के नेता अपनी-अपनी जीत के लिए पूरी ताकत झोंकने में लगे हैं वहीं हर तरह के हथकण्डे भी अपना रहे हैं. ऐसे में भाजपा के स्टार प्रचारक व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जोश में कुछ ऐसा बोल गये कि जिसके चलते अच्छी खासी मुसीबत खड़ी हो गई है. इतना ही नही बल्कि 88 हजार ऋषियों की तपोभूमि स्थली नैमिषारण्य में स्थित खड़े भगवान बजरंग बली की स्वयं भू प्रतिमा के महंत समेत कई महंतो ने सीएम के बयान पर तीखी टिप्पणी कर अपना रोष व्यक्त किया हैं.
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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्थान के अलवर के मलपुरा में बीजेपी उम्मीदवार के लिए रैली में कहा कि भगवान हनुमान दलित थे. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी मास्टर राम किशन जी के चुनाव चिन्ह पर हम सबका संकल्प बजरंगी संकल्प होना चाहिए. योगी आदित्यनाथ ने छत्तीसगढ़ में हनुमान जी को आदिवासी बताया था. वहीं राजस्थान में दलित और वंचित बता दिया. सीएम के इस बयान पर पर राजीनीतिक गलियारों में हलचल पैदा हो गयी हैं. 88 हजार ऋषियो की तपोस्थली नैमिषारण्य में स्थित भगवान बजरंग बली की विरामावस्था में स्थित मंदिर हनुमान गढ़ी के महंत बजरंग दास ने भी योगी के इस बयान पर आपत्ति जतायी हैं. महंत बजरंग दास का कहना हैं कि सीएम खुद एक महंत हैं और वह खुद जानते हैं कि महंत की कोई धर्म जाती नही होती हैं. जब जाके अगर सीएम ने भगवान के बारे में ऐसी टिप्पणी की हैं तो वह गलत हैं राजीनीति के क्षेत्र में भगवान को अपने भाषण में नही लाना चाहिए. वहीं नैमिषारण्य में कई महंतों ने सीएम के इस बयान पर रोष व्यक्त किया हैं और कहा कि सीएम को भगवान के बारे जातीवाद टिप्पणी नही करनी चाहिए. सीएम के इस बयान के बाद नैमिषारण्य में उनके खिलाफ रोष देखा जा रहा हैं.
Source : News Nation Bureau