पश्चिम त्रिपुरा के रानीरबाजार इलाके में उस वक्त बवाल हो गया जब एक मंदिर में मां काली की खंडित मूर्ति मिली. उसके बाद अज्ञात लोगों ने बवाल शुरू कर दिया और दर्जनभर घरों में आग लगा दी. इसके सात ही गुस्साए लोगों ने कई वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया. इस बारे में सोमवार को पुलिस ने जानकारी दी. पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ बीएनएसएस की धारा 163 के तहत जिरानिया उपखंड में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है. रानीरबाजार इलाका इसी उपखंड के तहत आता है.
12 घरों और कई वाहनों में लगाई आग
इलाके में तनाव बढ़ने के बाद भारी सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं. सहायक महानिरीक्षक (कानून एवं आदेश) अनंत दास ने कहा, "रविवार देर रात रानीरबाजार में शरारती तत्वों द्वारा कैतुरबारी में देवी काली की एक मूर्ति खंडित पाए जाने के बाद लगभग 12 घरों में आग लगा दी गई. आग में कुछ मोटरसाइकिलें और पिकअप वैन भी जल गईं. हालांकि हादसे में किसी को कोई चोट नहीं आई है.
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उग्र भीड़ को देखकर लोगों में खौफ
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, उग्र भीड़ को देखकर स्थानीय लोग अपने घरों से भाग गए. दास ने कहा कि तनाव कम करने के लिए सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है और पुलिस महानिदेशक, खुफिया, अनुराग धनखड़ और पश्चिम त्रिपुरा के पुलिस अधीक्षक किरण कुमार ने इलाके का दौरा किया है. उन्होंने कहा, "संपत्ति के नुकसान का आकलन पूरा होने के बाद पुलिस स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज करेगी. फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है."
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बीएनएसएस की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू
वहीं जिला मजिस्ट्रेट विशाल कुमार ने एक आदेश में कहा कि शांति भंग होने की आशंका के बाद पश्चिम त्रिपुरा जिले के जिरानिया उपखंड में 26 से 28 अगस्त तक बीएनएसएस की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है. इसमें कहा गया है कि निषेधाज्ञा के तहत उपखंड में हिंसक गतिविधियों के कारण पांच या अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध रहेगा.
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