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संभल में मिली ऐतिहासिक सुरंग Photograph: (Social Media)
Sambhal News:संभल में बाबली की खुदाई में कई प्राचीन चीजें निकल रही हैं. खुदाई में इमारत का ढांचा, तहखाना, मंदिर, कमरे और सुरंग मिले हैं. इससे साफ है कि संभल की धरती में कई ऐतिहासिक सबूत दफ्न है. खुदाई के दौरान यहां मिली ऐतिहासिक सुरंग ने सबका ध्यान खींचा है. इस टनल का कनेक्शन 1857 की क्रांति से बताया जा रहा है. उसके रहस्य से ऐसा पर्दा उठा है कि जिसे जानकर इतिहासकार भी हैरान रह गए! आइए जानते हैं कि संभल में मिली ऐतिहासिक सुरंग का 1857 क्रांति से क्या कनेक्शन?
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संभल के कस्बा चंदौसी में प्रशासन को एक पुराने कुएं पर कब्जे की सूचना मिली। प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर चलवाया तो कुएं के पास एक प्राचीन सुरंग मिली। इसके दाएं–बाएं कई कमरेनुमा इमारत मिली हैं। खुदाई चालू है।#Sambhalpic.twitter.com/sIAIvnSzXo
— Dileep Yadav । दिलीप यादव 🇮🇳 (@yadavdileepdev) December 22, 2024
संभल: सुरंग का क्या रहस्य?
संभल में मिली ऐतिहासिक सुरंग को जिसने भी अभी तक देखा है, वो दंग रह गया. सुंरग के बारे में कहा जा रहा है कि उसका कनेक्शन 1857 की क्रांति है. दावा किया जा रहा है कि ये टनल 1857 के विद्रोह के समय की है.
#संभल#Sambhal के #चंदौसी में प्राचीन बाबली कुएं की खुदाई के दौरान जमीन के नीचे प्राचीन ऐतिहासिक इमारत का स्वरूप सामने आया है। @DmSambhal ने दो जेसीबी मशीनों से खुदाई शुरू की, जिसमें सुरंग और तहखाने होने की संभावना जताई जा रही है। यह मामला कोतवाली pic.twitter.com/B4x6Lt5ckr
— Dr Amit varshney (@Amitkv) December 21, 2024
इतना ही नहीं JCB की खुदाई के दौरान तहखाना, इमारत के अवशेष और प्राचीन गेट भी मिले हैं. ये खुदाई संभल के चंदौसी में हो रही है, जहां प्राचीन बाबली की खुदाई के दौरान एक लंबी सुरंग मिली है. सुरंग से एक तहखाने के भी जुड़े की बात कही जा रही है.
#WATCH | Uttar Pradesh | Excavation work begins at an age-old Baori located in the Chandausi area of Sambhal pic.twitter.com/tEb7TEvFWc
— ANI (@ANI) December 22, 2024
सुरंग का 1857 क्रांति से कनेक्शन
संभल में मिली ऐतिहासिक सुरंग के तार 1857 की क्रांति से जोड़े जा रहे हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि इस सुरंग और तहखाने को 1857 विद्रोह के दौरान क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों से बचाने के लिए किया था. जब अंग्रेज क्रांतिकारियों पर जुल्म ढाह रहे, तब क्रांतिकारियों ने उनसे अपनी जान बचाने के लिए भागने में इस सुरंग का इस्तेमाल किया था. ये भी बताया जा रहा है कि यहां बेलारी सियासत की रानी की छावनी लगा करती थी.
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