केरल में कोरोनावायरस (Corona Virus) संक्रमण के 40 नये मामले सामने आने के बाद इस महामारी के संक्रमितों की संख्या एक हजार के पार पहुंच गई है. राज्य में बढ़ते मामलों को लेकर मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने लोगों से कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में योद्धाओं की तरह कार्य करने का अनुरोध किया और उन लोगों के बारे में अधिकारियों को सूचित करने का आग्रह किया कि जो पृथक-वास के मानदंडों का उल्लंघन कर रहे हैं. विजयन ने कहा, अगर पृथक-वास में लोग दिशानिर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं, तो स्थानीय लोगों को तुरंत स्वास्थ्य अधिकारियों को सूचित करना चाहिए और उन्हें सलाह भी देनी चाहिए.
पिछले कुछ दिनों से राज्य में कोविड -19 (COVID-19) संक्रमण के मामलों में भारी उछाल आया है क्योंकि बड़ी संख्या में लोग विदेशों और अन्य राज्यों से केरल लौट रहे हैं. विजयन ने यहां संवाददाताओं से कहा, प्रवासियों के मामले में, चाहे वे विदेश से आए हों या अन्य राज्य से, जो लोग आना चाहते हैं, हम उनका स्वागत करेंगे. यह सरकार की नीति है. उन्होंने कहा हालांकि, उन्हें घर और संस्थागत पृथक-वास केंद्रों में सरकार के दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करने की आवश्यकता है. केरल में बुधवार को कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये 40 लोगों में से 37 विदेश और अन्य राज्यों से लौटे हैं.
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राज्य में कुल कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या एक हजार के पार पहुंची
मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि राज्य में कोरोना वायरस के मामलों की कुल संख्या 1004 पहुंच गई है. इस समय 445 लोगों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है और 1.07 लाख से अधिक लोग निगरानी में है. उन्होंने बताया कि कुल 552 लोग स्वस्थ हो चुके हैं और इस महामारी से छह लोगों की मौत हुई है. विजयन ने बताया कि कासरगोड में आज सबसे अधिक 10 मामले सामने आये है जबकि पलक्कड़ में आठ, अलप्पुझा में सात, कोल्लम में चार, पथनमथिट्टा में तीन, वायनाड में तीन, कोझीकोड में दो, एर्नाकुलम में दो और कन्नूर में एक मामला सामने आया है. इस वायरस से संक्रमित पाये गये नये मामलों में से नौ लोग विदेश से आये है जबकि 28 लोग अन्य राज्यों से आये हैं, जिनमें महाराष्ट्र से 16, तमिलनाडु से पांच, दिल्ली से तीन, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश से एक-एक व्यक्ति आए हैं.
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राज्य सरकार ने महामारी से निपटने के लिए बुलाई बैठक
इस बीच, विपक्ष ने संस्थागत पृथक-वास केंद्रों के लिए प्रवासियों से शुल्क वसूलने के फैसले को लेकर एलडीएफ सरकार की आलोचना की और राज्य में कोविड-19 की स्थिति से निपटने में राज्य सरकार के प्रयासों पर चर्चा करने के लिए विजयन द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में इस मुद्दे को उठाया. राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता, रमेश चेन्निथला ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि राज्य में वापस आने वाले प्रवासी अब बेरोजगार हैं और सब कुछ खो चुके हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ओमान चांडी ने भी पृथक-वास केंद्रों के लिए प्रवासियों से शुल्क वसूलने के फैसले की आलोचना की और कहा कि यह राज्य के लिए एक अपमान की बात है.