शहर के अल्पसंख्यक बहुल पदरायणपुरा इलाके में पुलिस और स्वास्थ्यकर्मियों पर रविवार की रात हमला करने के आरोप में 59 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने अपनी प्राथमिकी में कहा है कि टीम वहां कुछ लोगों को पृथकवास में रखने के लिए गयी थी. हमले की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने इसे गुंडागर्दी बताते हुए पुलिस को दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है. पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि 59 लोगों को (पदारायणपुरा से) गिरफ्तार किया गया है और उन्हें हिरासत में लिया गया है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘लोगों ने कोविड-19 के मरीजों के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष संपर्क में आए लोगों को पृथकवास में रखने गए अधिकारियों पर हमला किया.’’ पुलिस ने कहा कि रविवार को बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर आ गए जिनमें ज्यादातर अल्पसंख्यक समुदाय के युवा थे, उन्होंने कोविड-19 के मरीजों के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष संपर्क में आए लोगों को पृथकवास में रखने गए अधिकारियों पर हमला किया.
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अधिकारियों की लोगों/भीड़ ने बुरी तरह पिटाई की. पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में फिरोजा नामक एक महिला भी है, जिसने कथित रूप से भीड़ को स्वास्थ्य एवं पुलिस अधिकारियों पर हमला करने को भड़काया. क्षेत्र में किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए और कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों को पृथकवास में भेजने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. पुलिस के एक दस्ते ने इलाके में फ्लैग मार्च किया. बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त भास्कर राव ने बाद में मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को फोन कर उन्हें पदरायणपुरा में हालात के बारे में बताया. पुलिस अधिकारी प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि जब वह भीड़ को सीसीटीवी कैमरा तोड़ने से रोक रहे थे, तभी भीड़ ने ‘‘पुलिस की हत्या करो, उन्हें मत बख्शों’’ के नारे लगाते हुए उनपर हमला कर दिया.
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अधिकारी ने कहा कि वे लाठियों और पत्थरों से मारकर हमारी हत्या करना चाहते थे. हमारे कुछ कर्मियों को चोटें भी आयी हैं. येदियुरप्पा ने कहा कि पदाराणपुरा में कल हुई घटना पुलिस, स्वास्थ्य और स्थानीय निकाय के कर्मियों के खिलाफ गुंडागर्दी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने वहां लगे अवरोधक और सरकारी कर्मचारियों के लिए लगायी गई कुर्सियां तोड़ दी हैं. वहीं गृहमंत्री बासवराज बोम्मई ने कहा कि पदरायणपुरा जैसी घटना को बर्दाश्न नहीं किया जाएगा.
Source : Bhasha