आंध्र प्रदेश के लिए तीन राजधानी बनाने के प्रावधान वाले विधेयक पर चर्चा के बिना ही मंगलवार को राज्य विधान परिषद की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी. सदन में विपक्षी तेलुगू देशम पार्टी द्वारा पेश प्रस्ताव पारित हो गया जिसे सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की तरह देखा जाता है. सदन में नियम 71 के तहत मतविभाजन से इस महत्वपूर्ण विधेयक के भविष्य को लेकर संशय की स्थिति बन गयी है. हालांकि इस दौरान तेदेपा को नुकसान भी उठाना पड़ा और उसके दो विधान परिषद सदस्यों ने सरकार के पक्ष में मतदान किया. बावजूद इसके परिणाम पर कोई असर नहीं हुआ.
प्रस्ताव के पक्ष में तेदेपा के 27 मत पड़े वहीं इसके विरोध में वाईएसआरसी के 11 ही वोट पड़े. इसके बाद नियम 71 के तहत प्रस्ताव पर चर्चा बंद करने का फैसला किया गया. इससे पहले करीब आठ घंटे तक चले गतिरोध के बाद वाईएसआरसी सरकार ने मंगलवार को आंध्र प्रदेश विधान परिषद में दोनों विधेयक पेश किए थे जिनके तहत राज्य में तीन राजधानी बनाने का प्रस्ताव है. विधान परिषद में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने का कोई प्रावधान नहीं होता, इसलिए नियम 71 के तहत प्रस्ताव को इसके समकक्ष ही मान लिया जाता है.
विपक्ष के नेता वाई रामकृष्णेंदु ने परिषद के सभापति को नियम 71 के तहत नोटिस दिया था. शुरूआत में ही विपक्षी दल तेदेपा ने नियमों का हवाला देते हुए विधेयक पेश करने से रोका जिससे कई बार सदन की बैठक को स्थगित करना पड़ा. ऊपरी सदन में तेदेपा बहुमत में है. इसके बाद विधान परिषद के सभापति एम. ए. शरीफ ने सरकार को मुख्य विधेयकों को पेश करने की अनुमति दी.
गतिरोध को समाप्त करते हुए आंध्रप्रदेश विकेंद्रीकरण और सभी क्षेत्रों का समग्र विकास विधेयक, 2020 और आंध्रप्रदेश राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण कानून, 2014 को वापस लेने का विधेयक पेश किया गया. राज्य विधानसभा ने सोमवार की देर रात को राज्य की कार्यकारी राजधानी विशाखापत्तनम, विधायी राजधानी अमरावती और न्यायिक राजधानी कुर्नूल बनाने के लिए पेश विधेयक को पारित किया था. अमरावती क्षेत्र के किसानों तथा तेदेपा के विरोध के बावजूद कल विधेयक पारित हो गया. भाषा वैभव आशीष आशीष
Source : News Nation Bureau