कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के मंगलवार को कथित तौर पर मनहूस माने जाने वाले चामराजनगर जिले का दौरा किया. समाज के प्रगतिशील लोगों ने उनके इस कदम की सराहना की. गौरतलब है कि लोगों में यह धारणा है कि जो कोई भी चामराजनगर का दौरा करेगा वह कर्नाटक में अपनी स्थिति और शक्ति खो देगा. इसके पहले बी.एस. येदियुरप्पा, एस.एम. कृष्णा और अन्य कई मुख्यमंत्रियों ने अपने कार्यकाल के दौरान जिले में कदम रखने की हिम्मत नहीं की.
हालांकि सीएम बोम्मई दूसरी बार जिले का दौरा कर रहे हैं और विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास कर रहे हैं. चामराजनगर का दौरा करने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री डी. देवराज उर्स की हार के साथ यह अंधविश्वास शुरू हुआ. बाद में जिले का दौरा करने के बाद स्वर्गीय आर. गुंडू राव, रामकृष्ण हेगड़े, एस.आर. बोम्मई और वीरेंद्र पाटिल के सत्ता गंवाने के बाद अंधविश्वास और प्रगाढ़ हो गया.
देवराज उर्स 1980 में दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद सत्ता से बाहर हो गए थे. उर्स ने सत्ता खोने से पहले चामराजनगर का दौरा किया था. इसी तरह उनके पूर्ववर्ती गुंडू राव चुनाव में निर्वाचित नहीं हुए. इसके लिए उनके कार्यकाल के अंत में चामराजनगर की यात्रा को दोषी ठहराया गया था. रामकृष्ण हेगड़े मुख्यमंत्री बने और टेलीफोन टैपिंग घोटाले में इस्तीफा देने से पहले उन्होंने चामराजनगर का दौरा किया.
एस.आर. बोम्मई ने भी सत्ता खो दी और 1989 में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया. उन्होंने भी इससे पहले चामराजनगर जिले का दौरा भी किया था. नेताओं का अंधविश्वास तब और बढ़ गया जब 1990 में चामराजनगर जिले की अपनी यात्रा के बाद प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आए कांग्रेस के मुख्यमंत्री वीरेंद्र पाटिल ने सत्ता खो दी.
हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार और सिद्धारमैया ने अपने कार्यकाल के दौरान चामराजनगर का दौरा किया और बाद के चुनावों में सत्ता में वापस आने में असफल रहे.
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Source : IANS