कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने टीपू सुल्तान जयंती को नहीं मनाने का आदेश दिया है. बता दें कि कल कैबिनेट की बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया था लेकिन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक बौपेया ने इसका विरोध किया था. बोपैया ने सीएम येदियुरप्पा को चिट्ठी लिख राज्य में टीपू जयंती के जश्न पर रोक लगाने की मांग की थी. वहीं इससे पहले कर्नाटक में जब कांग्रेस-जेडीएस की सरकार थी तो ये समारोह काफी धूमधाम से मनाया जाता था.
गौरतलब है कि कर्नाटक में टीपू जयंती का बीजेपी पहले से ही विरोध करती रही है. बीजेपी टीपू सुल्तान को कट्टर मुस्लिम शासक बताती है. इसके साथ ही बीजेपी और दक्षिणपंथी संगठनों का कहना है कि टीपू सुल्तान ने मंदिर तोड़े और बड़े पैमाने पर हिंदुओं का धर्मांतरण कराया था.
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बता दें कि 18वीं सदी के मैसूर के शासक टीपू सुल्तान की जयंती हर साल 10 नवंबर को मनाई जाती है. मैसूर के शासक हैदर अली के बड़े पुत्र टीपू (1750-1799) को अपने राज्य को बढ़ाने और इसकी रक्षा के लिए अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ाई लड़ने के लिए 'मैसूर के बाघ' के रूप में जाना जाता है. वर्ष 1799 में मैसूर के समीप श्रीरंगपट्टनम में अपने किले की रक्षा करने के दौरान अंग्रेजों से लड़ते हुए उनकी मौत हो गई थी.