कर्नाटक के मांड्या में नागमंगला कस्बे में बुधवार को गणपति विसर्जन के जुलूस के दौरान सांप्रदायिक हिंसा हुई है. जुलूस पर पत्थरबाजी और जूते भी फेंके गए. जिसके बाद इलाके में सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया. इसे लेकर हिंदू संगठन मुस्लिम समुदाय पर आरोप लगा रहे हैं. जानकारी के अनुसार, यह घटना तब घटी, जब गणपति विसर्जन के लिए जुलूस मस्जिद के पास पहुंची. इस घटना में अबतक 52 लोगों की गिरफ्तारी की गई है. फिलहाल पुलिस प्रशासन ने सब कुछ पर नियंत्रण कर लिया है.
कल मांड्या का दौरा करेंगे केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी
इस घटना पर केंद्रीय मंत्री और प्रदेश के पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अब स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन इस घटना से काफी नुकसान पहुंचा है. मैं कल क्षेत्र का दौरा करूंगा. आज मैं बेंगलुरु जा रहा हूं और कल सुबह मैं वहां का दौरा कर रहा हूं. मैंने घटना की सारी जानकारी ले रहा हूं और पता चला है कि कुछ शरारती तत्वों ने गणेश जुलूस में खलल डालने के लिए यह किया है. मैं इसकी आलोचना करता हूं. इसके साथ ही कुमारस्वामी ने राज्य सरकार पर जुबानी हमला बोलते हुए कहा कि मौजूदा सरकार के लिए यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है.
#WATCH | Delhi: On stone pelting on Ganesh procession in Mandya and the situation in Karnataka, Union Minister & former Karnataka CM HD Kumaraswamy says, "...Now the situation is under control. But several damages have already occurred. I am visiting the place tomorrow; today I… pic.twitter.com/zfaDu6yFsz
— ANI (@ANI) September 12, 2024
'यह घटना मौजूदा सरकार की अक्षमताओं को दिखाता है'
कर्नाटक में इस सरकार के सत्ता में आने के बाद से यहां सिर्फ एक वर्ग के लोगों के लिए काम किया जा रहा है. यह एक शांतिपूर्ण राज्य है. कन्नड़ लोग इस तरह की सांप्रदायिक झड़पों का समर्थन नहीं करते हैं. सरकार की अक्षमता के कारण ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं. तुष्टीकरण की राजनीति अच्छी नहीं है, मैंने भी दो कार्यकाल तक राज्य चलाया. उस दौरान मैंने सभी धर्मों और समुदायों के लोगों का समर्थन किया. हर वर्ग का ख्याल रखना सरकार की जिम्मेदारी है.
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स्थिति पर नियंत्रण के लिए धारा 163 लागू
बता दें कि इस घटना पर मांड्या के एसपी मल्लिकार्जुन बालादंडी ने जानकारी देते हुए बताया कि जैसे ही गणेश विसर्जन के दौरान जुलूस मस्जिद के पास पहुंचा, दो समुदायों के बीच बहस शुरू हो गई. जिसके बाद कुछ लोगों ने पथराव कर दिया और भीड़ तितर-बितर हो गई. दूसरे समुदाय के लोगों ने भी बाइक और दुकानों को आग के हवाले कर दिया. मामले को लेकर कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. स्थिति पर नियंत्रण के लिए धारा 163 भी लागू कर दी गई है. भीड़ पर काबू करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया.