कर्नाटक में 15 विधानसभा सीटों के उपचुनावों की मतगणना सोमवार को होगी और इसके नतीजे चार महीने पुरानी बीएस येदियुरप्पा सरकार का भाग्य तय करेंगे, क्योंकि सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के पास बहुमत की कमी है. भाजपा को कम से कम छह सीटें जीतनी होगी, जिससे सदन में उसका बहुमत बरकरार रहे.
भाजपा के पास वर्तमान में 105 विधायक है, जिसमें एक निर्दलीय विधायक भी शामिल है. कांग्रेस की आंख भी नतीजों पर टिकी है, क्योंकि इसके नेता जनता दल-सेक्युलर (जद-सेक्युलर) के साथ फिर से गठजोड़ का संकेत दे रहे हैं. कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद ने कहा कि नतीजों से बहुत सी चीजें बदल जाएंगी.
बीएस येदियुरप्पा के सत्ता में आने से पहले कांग्रेस-जद (सेक्युलर) की सरकार कांग्रेस के 14 व जद-सेक्युलर के तीन विधायकों के इस्तीफे से गिर गई थी. सभी बागी विधायकों को पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने अयोग्य करार दे दिया. अब 15 सीटों पर उपचुनाव कराए गए हैं. दो सीटों के लिए हाईकोर्ट में मुकदमा चल रहा है.
निर्वाचन आयोग के अधिकारी जी. जदियप्पा ने आईएएनएस से कहा कि 15 विधानसभा सीटों की मतगणना के लिए सोमवार को सुबह आठ बजे से 11 केंद्रों पर व्यवस्था की गई है. इनमें चार शहरी सीटों के लिए तीन केंद्र बेंगलुरू में है. पोस्टल मतों की मतगणना पहले की जाएगी और इसके बाद ईवीएम के मतों की गणना की जाएगी. यहां पांच दिसंबर को मत डाले गए थे.
चार महीने पुरानी भाजपा सरकार के लिए उपचुनावों के परिणाम महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि सत्तारूढ़ पार्टी को 223 सदस्यीय विधानसभा में कम से कम सात सीटें चाहिए, जिससे बहुमत के लिए 112 का जादुई आंकड़ा हासिल हो सके. जदियप्पा ने कहा, रुझान सुबह 9 से 10 बजे मिलने शुरू हो जाएंगे, लेकिन मतगणना की स्पष्ट तस्वीर दोपहर बाद सामने आएगी और हर निर्वाचन क्षेत्र में 20 राउंड की मतगणना के पूरा होने के बाद परिणाम की घोषणा की जाएगी. 15 निर्वाचन क्षेत्रों में करीब 67.9 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था.
Source : आईएएनएस