अन्नाद्रमुक और द्रमुक ने राज्यसभा में सोमवार को केंद्र सरकार से डाकिया और अन्य पदों के लिए हुयी डाक विभाग की परीक्षा रद्द करने तथा प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी, अंग्रेजी के साथ साथ स्थानीय भाषाओं में प्रश्न पूछे जाने की मांग की. इस पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन के नेता थावरचंद गहलोत से इस मुद्दे पर विचार करने को कहा. शून्यकाल में राज्यसभा में यह मुद्दा उठाते हुए अन्नाद्रमुक के ए नवनीत कृष्णन ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में डाकिये तथा अन्य पदों के लिए डाक विभाग की परीक्षा रविवार को हुई.
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इस परीक्षा में प्रश्न हिंदी और अंग्रेजी में पूछे गए थे, तमिल में नहीं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को यह परीक्षा रद्द कर देनी चाहिए और और जब भी परीक्षा हो तो उसमें प्रश्न तमिल में भी पूछे जाने चाहिए. द्रमुक के तिरूचि शिवा ने भी कहा कि परीक्षा में स्थानीय भाषा में प्रश्न पूछे जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा हाल ही में डाक विभाग को जारी परिपत्र की वजह से तमिलनाडु के युवाओं में आक्रोश है.
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शिवा ने कहा कि पहले इस तरह की परीक्षाओं में प्रश्न हिंदी, अंग्रेजी और स्थानीय भाषा में पूछे जाते थे. लेकिन अब स्थानीय भाषा के बजाय केवल हिंदी और अंग्रेजी में ही प्रश्न पूछे जाते हैं. सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सदस्यों द्वारा उठाया गया यह मुद्दा बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने सदन के नेता थावरचंद गहलोत से इस मुद्दे पर विचार करने को कहा. नायडू ने कहा मैंने संबद्ध मंत्री से बात की थी और आप भी कृपया मंत्री से बात करें.
HIGHLIGHTS
- स्थानीय भाषा में परीक्षा में प्रश्न पूछे जाने की मांग
- अन्नाद्रमुक और द्रमुक ने की मांग
- राज्यसभा में शून्य काल में उठा मुद्दा