द्रमुक विधायक एवं तमिलनाडु विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल के मुखर सदस्य जे अनबझगन का आठ दिन तक कोरोना वायरस (J Anbazhagan) संक्रमण से जूझने के बाद यहां एक निजी अस्पताल में बुधवार को निधन हो गया. निजी अस्पताल ‘डॉ. रेला इंस्टीट्यूट एंड मेडिकल सेंटर’ ने एक बयान में बताया कि 62 वर्षीय विधायक को कोविड-19 के कारण निमोनिया हो गया था, उनकी स्थिति गंभीर थी और उनकी तबियत आज तड़के तेजी से बिगड़ गई. अनबझगन को भर्ती किए जाने के एक दिन बाद उनकी श्वास संबंधी दिक्कत बढ़ गई थी, जिसके बाद उन्हें तीन जून को वेंटिलेटर पर रखे जाने सहित हर प्रकार की चिकित्सकीय सहायता दी गई थी.
यह भी पढ़ेंः जामा मस्जिद के शाही इमाम अहमद बुखारी के पीआरओ की कोरोना वायरस से मौत
अनबझगन किडनी संबंधी गंभीर बीमारी समेत कई बीमारियों से पहले से ग्रसित थे. उनके स्वास्थ्य में कुछ सुधार नजर आ रहा था. उनकी ऑक्सीजन की आवश्यकता कम होकर आधी हो गई थी, लेकिन सोमवार को उनकी तबियत काफी बिगड़ गई. उनके शरीर में ऑक्सीजन की आवश्यकता एक बार फिर बढ़ गई. उनकी हृदय और गुर्दे संबंधी बीमारियों की स्थिति बिगड़ गई थी और उनकी स्थिति को नाजुक घोषित किया गया. भर्ती किए जाने के बाद, शुरुआत में उन्हें फेसमास्क के जरिए अत्यधिक ऑक्सीजन देकर उनका उपचार किया जा रहा था. उनका 15 साल पहले यकृत प्रतिरोपण हुआ था और इसके कारण वे दवाइयां ले रहे थे.
यह भी पढ़ेंः असम में गैस कुएं में लगी आग में दो दमकलकर्मियों की मौत, बुझाने में लगेंगे हफ्तों
मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने कहा कि अनबझगन द्रमुक के एक मुख्य पदाधिकारी थे. उन्होंने शोकसंतप्त परिवार एवं पार्टी कार्यकर्ताओं के प्रति संवेदना प्रकट की. तीन बार विधायक रहे अनबझगन का जन्म 10 जून, 1958 को हुआ था और संयोग से आज ही उनका 62वां जन्मदिन था. वह द्रमुक नेता रहे पझकदई जयरामन के बेटे थे. पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी अनबझगन चेन्नई पश्चिम जिला सचिव थे. उन्होंने सफलतापूर्ण कई पार्टी समारोह आयोजित किए थे और वह पार्टी प्रमुख एम के स्टालिन के निकट थे. महासभा में पीछे बैठने वाले अनबझगन सदन में द्रमुक के जाने-माने मुखर विधायक थे तथा कई मामलों पर सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक के विधायकों एवं मंत्रियों के साथ उनकी जोरदार बहस होती थी. अन्नाद्रमुक सरकार के बड़े आलोचक अनबझगन ने इस साल जनवरी में विधानसभा में राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के संबोधन की प्रति फाड़ दी थी और उसे अध्यक्ष पी धनपाल की मेज पर रख दिया था.
यह भी पढ़ेंः बड़ी खबर: स्कूलों में ऑड-ईवन के तहत हफ्ते में 3 दिन आएंगे बच्चे, 6 चरणों में होगी पढ़ाई!
उन्हें कुछ समय के लिए निलंबित कर दिया गया था. अनबझगन 2001, 2011 और 2016 में विधानसभा में चुने गए थे. द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने अनबझगन के निधन पर शोक व्यक्त किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी. स्टालिन ने अनबझगन के निधन पर स्तब्धता व्यक्त करते हुए कहा कि अनबझगन ने कोविड-19 से निपटने के लिए लोगों के कल्याण संबंधी पार्टी की पहलों को आगे बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत की. स्टालिन ने कहा कि विधायक वैश्विक महामारी के दौरान लोगों के लिए समर्पित रूप से कार्य करते हुए संक्रमित हुए. उनके सम्मान में पार्टी का झंडा तीन दिन आधा झुका रहेगा और पार्टी के कल्याण समारोहों को स्थगित कर दिया गया है.
Source : Bhasha