केरल हाईकोर्ट ने बुधवार को मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (CM Pinarayi Vijayan) के करीबी सहयोगी रहे वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एम. शिवशंकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है. इसके बाद अब मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुख्यमंत्री विजयन के इस्तीफे की अपनी मांग और भी तेज कर दी है.
केरल हाईकोर्ट ने जैसे ही आइएएस अधिकारी एम. शिवशंकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की, उसके तुरंत बाद प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें हिरासत में ले लिया. उन्हें तिरुअनंतपुरम के आयुर्वेद अस्पताल से हिरासत में लिया गया है, जहां वे भर्ती थे. इसके तुरंत बाद ही कांग्रेस और भाजपा नेताओं के बयान सामने आने लगे और उन्होंने कहा कि अब तो विजयन को इस्तीफा देना चाहिए.
केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बड़ी मछली तक पहुंचने वाली जांच की शुरुआत है. मुरलीधरन ने कहा कि केरल सरकार और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी-(माकपा) विभिन्न राष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा वर्तमान जांच को विफल करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जांच को आगे बढ़ने से रोकने के लिए कुछ भी नहीं किया जा सकता. इस जांच की आंच बड़े लोगों तक पहुंचेगी.
मुरलीधरन ने कहा कि विजयन को अब इस्तीफा दे देना चाहिए. वह अपना पद छोड़ेंगे तो वे अपने इस नुकसान को कुछ कम कर सकते हैं. केरल में जब से सोना तस्करी का मामला सामने आया है, कांग्रेस और भाजपा दोनों ही प्रदेश के मुख्यमंत्री विजयन के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.
नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्निथला भी इस मुद्दे पर कई बार विजयन का इस्तीफा मांग चुके हैं और उन्होंने अब भी कहा है कि विजयन को तुरंत मुख्यमंत्री का पद छोड़ देना चाहिए. चेन्निथला ने सोना तस्करी में विजयन के कार्यालय का सीधे तौर पर शामिल होने का आरोप लगाया है.
Source : News Nation Bureau