प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को एजीएस इंफोटेक प्राइवेट लिमिटेड और उसके निदेशक जी. धनंजय रेड्डी के खिलाफ कथित तौर पर 23.73 करोड़ रुपये के बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में बेंगलुरु की एक विशेष पीएमएलए अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया. अदालत ने अभियोजन की शिकायत पर संज्ञान लिया है और मामले की सुनवाई की तारीख तय की है. ईडी ने एजीएस इंफोटेक लिमिटेड के निदेशक और अन्य के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज एक आपराधिक मामले के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की, जिसमें युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के साथ 23.73 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई थी.
ईडी को पता चला है कि रेड्डी और अन्य आरोपी व्यक्तियों ने तत्कालीन युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को धोखा दिया और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 23.73 करोड़ रुपये का ऋण लिया, ऋण की आय को उन उद्देश्यों के लिए डायवर्ट किया, जिनके लिए उन्हें मंजूरी दी गई थी और इस प्रकार मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध किया. ईडी ने आरोपपत्र में उल्लेख किया, रेड्डी एक आदतन अपराधी है और अपनी दो कंपनियों, नेक्ससॉफ्ट इंफोटेल लिमिटेड और इग्निस टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से किए गए दो अन्य बैंक धोखाधड़ी के पीछे मास्टरमाइंड है.
रेड्डी को ईडी ने इससे पहले पीएमएलए के दो अन्य मामलों में कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया था.
Source : IANS