सुप्रीम कोर्ट ने हैदराबाद एनकाउंटर मामले की तीन सदस्यीय न्यायिक जांच का आदेश दिया है. जांच का नेतृत्व सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस वीएस सिरपुरकर करेंगे. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अदालत के अगले आदेश तक कोई अन्य अदालत या प्राधिकरण इस मामले में पूछताछ नहीं करेगा. सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश एसए बोबड़े (Chief Justice SA Bobde) ने कहा, हम मानते हैं कि मुठभेड़ की स्वतंत्र जांच होनी चाहिए. जस्टिस बोबड़े ने कहा, यदि आप कहते हैं कि आप उन पर मुकदमा चला रहे हैं (पुलिसवाले मुठभेड़ में लिप्त हैं), तो हमारे लिए ऐसा कुछ नहीं है. लेकिन अगर आप कहते हैं कि वे निर्दोष हैं तो लोगों को सच्चाई पता होनी चाहिए. हम तथ्यों को ग्रहण नहीं करना चाहते हैं. जांच होने दीजिए, आप इसके लिए प्रतिरोधी क्यों हैं?
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सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा, हम एनकाउंटर की जांच के आदेश देते हैं. इस मामले की जांच के लिए शीघ्र ही आयोग का गठन किया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, क्या एनकाउंटर के दौरान क्या कोई पुलिस वाला घायल हुआ? चारों आरोपी अब मर चुके हैं, लिहाजा इस मामले में आरोपियों के खिलाफ ट्रायल का अब कोई मतलब नहीं रह जाएगा. आरोपी अब अपने केस की पैरवी नहीं कर सकते. अब सिर्फ पुलिस है, जो अपने सबूत रखेगी. पुलिस के गवाहों से सवाल कौन करेगा, यह मुकदमा होगा या मज़ाक?
सुनवाई के दौरान तेलंगाना पुलिस की दलील में कहा गया, आरोपियों के हमले में दो पुलिस वाले घायल हुए थे. पुलिस वालों की पिस्टल छीनकर आरोपियों ने फायरिंग की और पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलाई. इस गुनाह में चारों की भूमिका को लेकर कोई संदेह नहीं है. सीसीटीवी कैमरे में सब कुछ रिकॉर्ड हुआ है. एक आरोपी महिला की स्कूटी चलाता हुआ दिखा. एक आरोपी पेट्रोल खरीदते हुए CCTV में कैद हुआ. पूरे मामले को कमिशनर रैंक के अफसर देख रहे हैं.
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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इससे पहले बुधवार को हैदराबाद रेप-मर्डर (Hyderabad Rape Murder Case) के आरोपियों के एनकाउंटर (Encounter) मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि वह हैदराबाद मुठभेड़ (Hyderabad Encounter) की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के एक रिटायर्ड जज को नियुक्त करने के पक्ष में है. कोर्ट ने गुरुवार तक के लिए सुनवाई टाल दी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा, इस मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की नियुक्ति करेंगे. जो दिल्ली में रहकर ही घटना की जांच करेंगे. प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले में जल्द से जल्द सुनवाई के लिए वकील जीएस मणि के अनुरोध का संज्ञान लिया था.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो