भारतीय जनता पार्टी ने गुरुवार को जोर देकर कहा कि पार्टी के उम्मीदवार राज्य की सभी 15 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव में जीत हासिल करेंगे. पार्टी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और जद (एस) एक बार फिर “दिवास्वप्न” देख रहे हैं कि वे कर्नाटक में पांच दिसंबर को होने वाले उपचुनावों के नतीजों के बाद “अवसरवादी गठबंधन” बनाएंगे. पार्टी ने कहा कि कांग्रेस और जद(एस) की “खिचड़ी सरकार” के खिलाफ भाजपा की “मजबूत और स्थिर” सरकार का संदेश प्रचार के दौरान मतदाताओं को दिया गया. पार्टी ने अयोग्य ठहराए गए विधायकों के पीछे अपना पूरा जोर लगा दिया और इससे इन अटकलों को बल मिला कि उन्हें मंत्री बनाया जाएगा, भले ही वे चुनाव जीतें या हारें.
मंत्री और भाजपा नेता सी टी रवि ने कहा, “करीब 15 महीनों तक प्रदेश में गठबंधन सरकार चलाने वाली कांग्रेस और जद(एस) ने एक बार फिर से दिवास्वप्न देखने शुरू कर दिये हैं हालांकि जब दोनों दल सरकार चला रहे थे तो एक दूसरे पर भाई-भतीजेवाद और रिमोट कंट्रोल से संचालित होने...के आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे थे.” उन्होंने यहां संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, “वे उपचुनाव के नतीजों के बाद अवसरवादी गठजोड़ बनाने का दिवास्वप्न देख रहे हैं...वे एक और पारी शुरू करने का सपने देख रहे हैं....” भाजपा की यह टिप्पणी जद(एस) के शीर्ष नेता एच डी देवगौड़ा के उस बयान के एक दिन बाद आई है जिसमें उन्होंने उपचुनावों के संदर्भ में टिप्पणी करते हुए कहा था कि नौ दिसंबर को उपचुनावों के नतीजे आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के फैसले पर गौर किया जाना चाहिए.
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देवगौड़ा के बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने भी कहा कि उपचुनावों के बाद राज्य में स्थिर सरकार होगी लेकिन जरूरी नहीं कि भाजपा की हो. रवि ने हालांकि भरोसा जताया कि उपचुनावों में लोग भाजपा को वोट देंगे क्योंकि वे स्थिरता चाहते हैं और अयोग्य विधायकों के लिये समर्थन की बात फिर दोहराई जिन्हें पार्टी ने 13 विधानसभा क्षेत्रों में अपना उम्मीदवार बनाया है.
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