कर्नाटक में सत्तारूढ़ 13 महीने पुरानी कांग्रेस-जनता दल (सेकुलर) गठबंधन सरकार को एक बड़ा झटका देते हुए कांग्रेस (Congress) और जेडीएस (JDS) के 13 विधायकों ने स्पीकर को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. इनमें कांग्रेस के 10 और जेडीएस के 3 विधायक शामिल हैं. कर्नाटक सरकार पर संकट को लेकर दिल्ली में कांग्रेस नेताओं की बैठक हुई, जिसमें कई दिग्गज नेता शामिल हुए. इस बैठक में कर्नाटक की स्थिति पर चर्चा हुई.
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विधानसभा अध्यक्ष के.आर. रमेश कुमार ने यहां अपने आवास पर कहा, 'मुझे मेरे निजी सचिव से पता चला है कि 11 विधायकों ने मेरे कार्यालय में त्याग-पत्र दे दिए हैं. उन्हें उसकी पावती दे दी गई, मैं उन्हें मंगलवार (9 जुलाई) को देखूंगा क्योंकि सोमवार को मैं छुट्टी पर हूं.'
वहीं कर्नाटक की स्थिति पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव का न्यूज़ नेशन पर बयान देते हुए कहा कि विधायकों को अपने भविष्य की चिंता डराने लगी होगी, इसी वजह से उन्होंने इस्तीफा दिया है.
कर्नाटक का नाटक बाकि, अभी और त्यागपत्र की उम्मीद-
जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा 'हमारे पास जो जानकारी आ रही है उसके अनुसार अभी और इस्तीफे कर्नाटक कि सरकार के विधायकों के हो सकते हैं ,जेडीएस और कांग्रेस का गठबंधन ठीक नहीं चल रहा है, जिसके बाद अभी और त्यागपत्रों की उम्मीद है.'
भविष्य के भंवर में फंसकर विधायकों ने दिए इस्तीफे-
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने ये भी कहा, 'कर्नाटक कांग्रेस में दो खेमें एक दूसरे के खिलाफ काम कर रहे हैं ,कांग्रेस की हालत पूरे देश में कटी पतंग जैसी हो गई है. कर्नाटक लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बंपर बढ़त मिली है, जिसके बाद विधायकों को अपने भविष्य की चिंता डराने लगी होगी, तभी उन्होंने दिए हैं त्यागपत्र.'
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विधान सभा स्पीकर और राज्यपाल करें संविधान का पालन-
उन्होंने बताया, 'कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर ने अभी तक इस्तीफा को मंजूर नहीं किया है, वह समय जाया कर रहे हैं. कर्नाटक की गठबंधन सरकार बहुमत खो चुकी है बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल खुद कह सकते हैं. जहां तक बीजेपी की बात है अभी हम वेट एंड वॉच कर रहे हैं उसके बाद ही कोई अंतिम फैसला लिया जाएगा. अभी पार्टी की तरफ से बहुमत सिद्ध करने की मांग नहीं रखी गई है.'
Source : News Nation Bureau