कर्नाटक की सत्ता का नाटक अब महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली और गोवा तक पहुंच गया है. मुंबई के होटल में रुके हुए बागी विधायकों के पहले गोवा शिफ्ट होने की बात सामने आई लेकिन मंगलवार सुबह साफ हुआ कि वह मुंबई में ही हैं. संकट में घिरी कर्नाटक सरकार को लेकर जहां बेंगलुरु में लगातार कांग्रेस और जेडीएस के बीच बैठकें हो रही हैं, वहीं बीजेपी अपनी सरकार बनाने की कोशिश कर रही है. इस बीच आज हर किसी की नजर कर्नाटक के स्पीकर पर है, जिनके हाथ में विधायकों के इस्तीफे का फैसला है.
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कांग्रेस और जेडीएस के 13 विधायकों ने पहले ही अपना इस्तीफा स्पीकर सौंप दिया है. इस बीच निर्दलीय विधायक और लघु उद्योग मंत्री एच. नागेश और केपीजेपी के एकमात्र विधायक और सरकार में मंत्री आर. शंकर ने मंत्री पद से इस्तीफा देकर 13 महीने पुरानी गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया. इस वजह से कर्नाटक में गठबंधन की सरकार खतरे में है.
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इस बीच कर्नाटक सरकार के सदाबहार संकटमोचक डीके शिवकुमार बागी विधायकों को मनाने के लिए मुंबई पहुंचे तो वो विधायक मुंबई से गोवा के लिए निकल गए. कांग्रेस और जेडीएस के बड़े नेता पूरी ताकत से जुटे हैं कि किसी तरह सरकार बच जाए. इसके लिए दोनों पार्टियों के सभी मंत्रियों ने सरकार से इस्तीफा भी दे दिया, जिससे नाराज विधायकों को मंत्री बनाया जा सके और इसके जरिए सरकार को बचाया जा सके. लेकिन इसके साथ ही अपने-अपने विधायकों को बचाए रखने का बंदोबस्त भी किया गया है, जिससे कोई विधायक दूसरे खेमे में ना फिसल जाए.
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वहीं, जेडीएस ने अपने बचे हुए विधायकों के लिए कर्नाटक में ही कोडुगू के एक रिजॉर्ट के 35 कमरे बुक किए हैं. लेकिन सत्ता के सामने कोई भी खर्च मायने नहीं रखता है. सरकार बचाने के लिए जेडीएस और कांग्रेस ने बागियों को मंत्री पद की पेशकश की तो उन्होंने ठुकरा दिया. अब सभी की निगाहें विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश पर टिकी हैं. वह आज कांग्रेस और जेडीएस के विधायकों के इस्तीफे पर फैसला लेंगे.
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इस बीच, कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने आज विधायकों की बैठक बुलाई है. बैठक में बागी विधायकों को भी शामिल होने के लिए कहा गया है. इसके लिए व्हिप जारी किया गया है. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस विधायकों ने मंत्री पद की पेशकश ठुकराते हुए कहा कि अब काफी देर हो चुकी है और वह बीजेपी में शामिल होंगे. गौरतलब है कि राज्य में राजनीतिक संकट के मद्देनजर अमेरिका दौरा बीच में छोड़कर स्वदेश लौटे गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने सभी मंत्रियों के इस्तीफे करवाकर सरकार बचाने का आखिरी दांव चला है. उन्होंने कहा कि सरकार को कोई खतरा नहीं है और संकट का हल निकाल लिया जाएगा.