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कर्नाटक के इस मंदिर में दलितों की एंट्री से मचा बवाल, तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए भारी पुलिसबल तैनात

karnataka Dalit Temple: कर्नाटक के एक मंदिर में दलितों की एंट्री को लेकर बवाल मच गया है. गांव में तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए भारी पुलिसबल तैनात किया गया है.

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Vineeta Kumari
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Sri Kalabhairaveshwara Swamy
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karnataka Sri Kalabhairaveshwara Swamy Temple Issue: कर्नाटक के एक गांव में मंदिर में दलितों के प्रवेश को लेकर तनाव का महौल बन गया है. दरअसल, इस मंदिर का हाल ही में कांग्रेस के पूर्व विधायक एम श्रीनिवास ने जीर्णोध्दार किया था. जिसके बाद एक बार फिर से मंदिर में पूजा पाठ शुरू किया गया. वहीं, दलित जाति के लोगों का मंदिर में प्रवेश करने और पूजा पाठ करने को लेकर ऊंची जाति का लोग विरोध जता रहे हैं. उनका कहना है कि इनके लिए अलग से दूसरी मंदिर बनाई गई है. तनाव के बढ़ने के बाद मौके पर पुलिस पहुंची और उन्होंने सभी को समझाते हुए सभी वर्ग के लोगों की एंट्री पर अनुमति दी गई.

दलितों की एंट्री पर मचा बवाल

बता दें कि यह घटना मांडया जिले के हनकेरे गांव की है. परंपराओं के नाम पर कुछ ग्रामीणों ने दलितों की मंदिर में एंट्री का विरोध किया था और उनके लिए अलग मंदिर में पूजा करने की बात कही थी. साथ ही दलितों के मंदिर में प्रवेश करने को लेकर विरोध जताते हुए नाराज ग्रामीणों ने मंदिर की मुख्य मूर्ति को बाहर निकालकर रख दिया था.

ऊंची जाति के लोगों में नाराजगी

गांव में तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए गांव में भारी पुलिसबल पहुंच गई और सभी वर्गों को समझाया गया. हालांकि अब मंदिर में बिना भेदभाव के सबके प्रवेश पर सहमति बन चुकी है. बावजूद इसके कुछ ग्रामीण अभी भी प्रशासन के इस फैसले से नाराज हैं. जिसकी वजह से मामले की गंभीरता को देखते हुए गांव में पुलिसबल तैनात की गई है.

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गांव में भारी पुलिसबल तैनात

इस गांव में ज्यादातरत वोक्कालिगा जाति के लोग रहते हैं. यह उच्च जाति श्रेणी में आते हैं. दलितों की मंदिर में एंट्री करने से लोग इतना ज्यादा गुस्सा हो गए कि मंदिर की मुख्य मूर्ति को अपने साथ लेकर चले गए थे. फिलहाल, गांव में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है. इसे देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.

सालों पुराना है मंदिर का इतिहास

जानकारी के अनुसार, यह मंदिर कालभैरवेश्वर स्वामी मंदिर है. कई साल पुराने इस मंदिर में दलितों को कभी प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई थी. हाल ही में मंदिर को ध्वस्त कर एक बार फिर से इसे बनाया गया. जिसके बाद इस मंदिर में एक बार फिर से पूजा-पाठ शुरू की गई है. वहीं, मंदिर के निर्माण के बाद दलितों ने भी प्रवेश करना शुरू कर दिया है. जिसे लेकर ऊंची जाति के लोगों में प्रशासन के प्रति नाराजगी देखी जा रही है. 

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