केरल में पिनाराई विजयन सरकार ने बुधवार को सबरीमाला मंदिर मुद्दे और नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनकारियों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने का फैसला किया है. राज्य मंत्रिमंडल ने मामलों को वापस लेने का फैसला किया, क्योंकि यह गंभीर आपराधिक मामले नहीं हैं. संयोग से विजयन को यह निर्णय लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है, क्योंकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष ने कहा है कि अगर वे सत्ता में लौटते हैं, तो वे इन सभी मामलों को वापस ले लेंगे. विजयन के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए, विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि वह इस फैसले का स्वागत करते हैं, मगर इस फैसले में देरी हुई है. उन्होंने यह भी कहा कि इस बात का भी सभी को पता है कि यह फैसला आगामी विधानसभा चुनावों से पहले क्यों लिया गया है.
इस पर भाजपा नेता कुम्मनम राजशेखरन ने कहा, सरकार को पहले उन चीजों को स्पष्ट करना चाहिए जिन पर वे मामले हैं, जो गंभीर श्रेणी में आते हैं. हम सभी को उम्मीद थी कि सरकार सबरीमाला में विश्वास रखने वालों के खिलाफ एक पुलिस राज के लिए लोगों से माफी मांगेगी और फिर उन विश्वासियों के खिलाफ दर्ज एक-एक मामले को वापस लेना चाहिए, जिन्होंने मंदिर परंपराओं के उल्लंघन पर विरोध किया था.
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कोविड में घटी थी मंदिर की आय
हिंदू नायरों की सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था नायर सर्विस सोसाइटी के महासचिव जी. सुकुमारन नायर ने कहा कि यह निश्चित रूप से विजयन सरकार का एक अच्छा कदम है. नायर ने कहा, हम यह मांग करने वाले पहले व्यक्ति थे, लेकिन मुझे नहीं लगता कि सभी मुद्दे इससे खत्म होंगे. आपको बता दें कोविड काल के दौरान सबरीमाला के श्रद्धालुओं में आई थी कमी और मंदिर की आय में हुई थी जबरदस्त गिरावट त्रावणकोर देवासम बोर्ड (टीडीबी) की ओर से बताया गया था कि सबरीमाला मंदिर की आय कोरोना महामारी की वजह से लगाए गए प्रतिबंधों के कारण पिछले साल की समान अवधि की तुलना में घटकर 9.09 करोड़ रुपए रह गई है. जबकि पिछले साल इतने ही दिनों में मंदिर की 156.60 करोड़ रुपए आय थी. यानी इस बार सबरीमाला मंदिर की आय घटकर लगभग 6 फीसदी ही रही है.
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कोविड के दौारन कम हुए थे श्रद्धालु
उधर, मंडल पूजा के दिन निकलने वाले वाली अनुष्ठानिक शोभायात्रा के दौरान भगवान अय्यपा को पहनाई जाने वाली स्वर्ण पोशाक 'तंका अंकी' सबरीमला मंदिर पहुंच गई. कोविड-19 की वजह से केवल कुछ लोग ही मौजूद थे जबकि सामान्य दिनों में इस शोभायात्रा को देखने के लिए हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ जमा होती थी. 'तंका अंकी' को सबरीमला पहुंचाने वाली यह शोभायात्रा चार दिन पहले राज्य के प्रमुख तीर्थ और भगवान कृष्ण के अर्णमुला श्री पार्थसारथी मंदिर से शुरू हुई, जहां पर यह पवित्र पोशाक रखी जाती है. इस पोशाक को त्रावणकोर के राजा दिवंगत श्री चितिरा तिरुनल बलराम वर्मा ने दान किया था.
Source : News Nation Bureau