बेंगलुरु में चल रहे एक अवैध टेलीफोन एक्सचेंज पर कार्रवाई की गई है. केन्द्रीय अपराध शाखा (CCB) बेंगलुरु ने सेना की दक्षिणी कमान की मिलिट्री इंटेलीजेंस (Military Intelligence) के इनपुट के आधार पर ये कार्रवाई की. टेलीफोन एक्सचेंज में अंतरराष्ट्रीय कॉल (Internation Call) को स्थानीय कॉल में बदलने का काम किया जा रहा था. मामले के तार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों से भी जुड़े लग रहे हैं. इस मामले में एक 41 वर्षीय शख्स की गिरफ्तारी भी की गई है.
एक्सचेंज चलाने वाला शख्स केरल से
बेंगलुरु में ये गैर-कानूनी टेलीफोन एक्सचेंज चलाने वाले शख्स की पहचान 41 वर्षीय शराफुद्दीन के रूप में हुई है. शराफुद्दीन मूलत केरल के वायनाड जिले का रहने वाला है. वह वायनाड के चुडेल गांव से है. शुरुआती जांच के मुताबिक शराफुद्दीन और उसके साथी मिलकर राजधानी बेंगलुरु की बागलगुंटे मुख्य सड़क क्षेत्र में चार जगहों पर यह एक्सचेंज ऑपरेट कर रहे थे. ये जगहें भुवनेश्वरी नगर, चिक्कासांद्रा और सिद्धेश्वर ले-आउट इलाकों में मौजूद हैं.
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1900 से ज्यादा सिम कार्ड्स का हो रहा था इस्तेमाल
अब तक मिली जानकारी के अनुसार विदेशी कॉल को स्थानीय कॉल में बदलने वाले इस काम को अंजाम देने के लिए 53 सिम बॉक्स का इस्तेमाल हो रहा था. जिनमें 1900 से भी ज्यादा सिम कार्ड लगाए गए थे. ये सिम बॉक्स अलग-अलग प्रकार के होते हैं. एक 128 सिम स्लॉट्स के साथ आता है तो कुछ 16 और 32 स्लॉट्स के साथ भी आते हैं. इस टेलीफोन एक्सचेंज पर प्रयोग किए गए ज्यादातर बॉक्स 32 स्लॉट्स वाले हैं, जो 2100 से भी ज्यादा सिम कार्ड रख सकते हैं.
पाकिस्तानी खुफिया तंत्र ने किया इस टेलीफोन एक्सचेंज का प्रयोग
सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, यह अवैध टेलीफोन एक्सचेंज उनकी पकड़ में ही तब आया जब पाकिस्तानी खुफिया तंत्र के किसी एजेंट ने एक सिम बॉक्स का इस्तेमाल किया. उस पाकिस्तानी एजेंट ने भारत की रक्षा से जुड़ी एक खास टॉप सीक्रेट जानकारी जुटाने की कोशिश की. यह मामला जून के पहले सप्ताह में सुरक्षा एजेंसियों की नजर में आया था. पुलिस ने शराफुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया है और कोर्ट ने रिमांड के लिए पुलिस को सौंप दिया है. शराफुद्दीन के लिए काम करने वाले लोगों से पूछताछ जारी है.
HIGHLIGHTS
- बेंगलुरु में चल रहा था अवैध टेलीफोन एक्सचेंज
- भारत की सुरक्षा में लग रही थी सेंध
- पाकिस्तानी खुफिया तंत्र के लोग भी कर रहे थे एक्सचेंज का प्रयोग