वायनाड लैंडस्लाइड, 30 जुलाई को हुई भीषण आपदा में बचाव एजेंसियां लगातार खोज अभियान चला रही है. इसी बीच मंगलवार को भूस्खलन प्रभावित गांवों और चलियार नदी के निचले इलाकों में रेस्कूय टीम ने मारे गए लोगों के सात शरीर के अंग बरामद किए हैं. मालूम हो कि, इस भीषण मानसून आपदा में मरने वालों की संख्या 300 के पार पहुंच गई है, जबकि अब तक मिले अधूरे शरीर के अंगों की कुल संख्या 189 है. वहीं 152 करीब लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं.
अधिकारियों का कहना है कि, केवल डीएनए जांच और अवशेषों की पहचान के जरिए ही ओवरऑल मृत्यु के आंकड़ों तक पहुंचा जा सकता है.
सीएम कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि, खोज टीमी भूस्खलन के उद्गम स्थल समेत अन्य गांवों और क्षेत्रों की बारीकी से जांच कर रही है. जोखिम भरे और खतरनाक सनराइज वैली इलाके तक भी खोजी टीमों को ले जाने के लिए हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया जा रहा है. शरीर के तीन हिस्से मेप्पडी इलाके से और चार नीलांबुर से मिले हैं. भूस्खलन में कथित तौर पर मारे गए लोगों की तलाश के लिए सेना, वन विभाग और अग्निशमन बल सहित बचाव एजेंसियां सभी संभावनाएं तलाश रही हैं.
बचाव और राहत कार्य जारी
गौरतलब है कि, खोज अभियान में कई एजेंसियों के कुल 1174 कर्मी शामिल थे, जबकि 84 अर्थमूवर्स को विभिन्न स्थलों पर तैनात किया गया था. राज्य पुलिस, सेना और तमिलनाडु पुलिस के कुत्ते दस्ते भी इलाकों में मौजूद थे. बचाव कार्यों में सहायता के लिए 18,000 से अधिक लोगों ने जिला प्रशासन के साथ स्वयंसेवकों के रूप में पंजीकरण कराया है.
वायनाड में राहत कार्यों की देखरेख कर रही चार मंत्रियों की कैबिनेट उप-समिति ने बताया कि, भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के लोग, जिन्होंने अपने घर खो दिए हैं और वर्तमान में राहत शिविरों में हैं, उन्हें जल्द ही पीडब्ल्यूडी क्वार्टर और निजी रिसॉर्ट्स सहित खाली सुविधाओं में स्थानांतरित कर दिया जाएगा.