बेंगलुरु के पैलेस ग्राउंड में मंगलवार को दक्षिण भारत का सबसे बड़ा गारमेंट मेले की शुरुआत हुई. यह गारमेंट मेला तीन दिनों तक चलेगा. दरअसल, कोविड महामारी की वजह से गारमेंट सेक्टर को काफी नुकसान हुआ है. इसी को देखते हुए साउथ इंडियन गारमेंट्स एसोसिएशन ने इस गारमेंट मेले को शुरू किया है, ताकि इस सेक्टर में काम करने वाले व्यापारियों को अपना कारोबार पटरी पर लाने में मदद मिल सके. साउथ इंडियन गारमेंट्स मैन्युफैक्चरर और होलसेलर एसोसिएशन के अध्यक्ष अनुराग सिंघला ने बताया कि यह एक इवेंट है, जहां रिटेल दुकानदारों को अपना कारोबार बढ़ाने का मौका मिलेगा, क्योंकि इस मेले में देश के कोने-कोने से व्यापारी हिस्सा ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोविड महामारी की वजह से जो नुकसान इस सेक्टर को उठाना पड़ा है, अब उसे ठीक करने का समय आ चुका है.
तीन दिन तक चलने वाले इस गारमेंट्स मेले में 100 से ज्यादा गारमेंट कंपनियों ने अपने स्टॉल लगाए हैं और अपने प्रोडक्ट्स को डिस्प्ले पर रखा है, जिसमें समर और विंटर कलेक्शन के साथ महिलाओं और बच्चों के रेडीमेड कपड़े भी हैं. आयोजकों को उम्मीद है कि तकरीबन दो हजार से ज्यादा व्यापारी इस मेले में शामिल होंगे. गौरतलब है कि भारत में गारमेंट सेक्टर लगभग 5 करोड़ लोगों को रोजगार देता है.
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वहीं, गारमेंट सेक्टर से जुड़े व्यापार केंद्र सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि इस सेक्टर को लेकर अभी जो दो तरह का टैक्स स्लैब है, उसे हटाकर एक ही 5 फीसदी टैक्स स्लैब को रखा जाए. फिलहाल 1000 रुपए से कम खरीदी पर 5 फीसदी टैक्स है, जब की 1000 रुपये से ज्यादा पर 12 फीसदी टैक्स देना पड़ता है.
Source : Yasir Mushtaq