आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम (Visakhapatnam) स्थित एलजी पॉलिमर इंडस्ट्री (LG Polymer Industry) के कारखाने में गैस के कारण 11 लोगों की मौत हो चुकी है. कई लोगों की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है. गैस रिसाव के कारण हालात ऐसे थे कि लोग सोते-सोते ही मौत के मुंह में चले गए. अभी तक की जांच में सामने आया है कि फैक्ट्री के दो टैंकों में रखी स्टाइरीन गैस से जुड़ी रेफ्रीजेरेशन यूनिट में तकनीकी खराबी आने के कारण उसमें गैस बनी और उसका रिसाव शुरू हो गया.
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एकाएक हुए गैस रिसाव के कारण लोगों को कुछ समझ नहीं आया. गैस का रिसाव इतना तेज था कि कई गांव के लोग इससे प्रभावित हुए. गैस के कारण चारों ओर धुंध छा गई. इससे गैस को रोकने और दिक्कत को दूर करने में भी परेशानी का सामना करना पड़ा. शुरूआती जांच में सामने आया है कि स्टाइरीन सामान्य तौर पर तरल रूप में टैंक में रखा होता है. इस गैस को 20 डिग्री सेल्सियस के नीचे तापमान पर रखा जाता है जिससे यह तरल के रूप रखा जाता है. 20 डिग्री सेल्सियस के नीचे तापमान रहने पर यह पूरी तरह से सुरक्षित रहता है. हालांकि जांच में पता चला है कि रेफ्रिजेरेशन यूनिट में गड़बड़ी के कारण यह रसायन गैस में बदल गया. जांच में सामने आया कि तकनीकि गड़बड़ी के कारण टैंक का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस के ऊपर चला गया. इसके कारण तरल के रूप में मौजूद रसायन गैस में बदलकर रिसने लगा.
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दो टैंकों में भरी थी गैस
फैक्ट्री में स्टाइरीन के भंडारण के लिए 3,500 किलोलीटर और 2,500 किलोलीटर के दो टैंक मौजूद हैं. इनमें से रिसाव 2,500 किलोलीटर वाले टैंक में हुआ. जिस समय हादसा हुआ उस वक्त टैंक में 1,800 किलोलीटर स्टाइरीन था. गैस के कारण पूरे इलाके में लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी और देखते ही देखते 11 लोगों की मौत हो गई. स्टाइरीन गैस पर काबू पाने के लिए गुजरात से एयर इंडिया के स्पेशल कार्गो प्लेन से पीटीबीसी (पैरा-टर्शरी ब्यूटाइल कैटेकोल) लाया गया है.
Source : News Nation Bureau