कर्नाटक के चित्रदुर्ग की एक स्थानीय अदालत ने सोमवार को लिंगायत मठ के पूर्व प्रशासक और दुष्कर्म के आरोपी संत के खिलाफ साजिश रचने के आरोपी एस.के. बसवराजन को 28 नवंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया. प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश बी.के. कोमला ने एक अन्य आरोपी बसवराजेंद्र के लिए न्यायिक हिरासत का भी आदेश दिया, क्योंकि दोनों को उनकी पुलिस हिरासत के अंत में अदालत में पेश किया गया था.
बसवराजन के वकील ने अदालत से उनके मुवक्किल को अलग जेल में बंद करने का अनुरोध किया, क्योंकि आरोपी संत शिवमूर्ति मुरुघा शरणारू भी जिला जेल में ही बंद हैं. हालांकि, जज ने वकील की याचिका खारिज कर दी. अब दुष्कर्म के आरोपी संत और कभी उनके सहयोगी रहे बसवराजन एक ही जेल में बंद हैं. नाबालिग पीड़िताओं को ट्यूशन देने के मामले में शिक्षक बसवराजेंद्र और पूर्व प्रशासक बसवराजन को गिरफ्तार किया गया था.
एक ऑडियो क्लिप सामने आई है, जिसमें बसवराजेंद्र और एक नाबालिग लड़की के बीच बातचीत रिकार्ड है, जिससे कथित रूप से आरोपी संत के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए हेरफेर किए जाने की बात सामने आई है. इसके बाद चित्रदुर्ग मठ के प्रभारी संत द्वारा बासवराजेंद्र और एनजीओ ओडनाडी के सदस्यों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी.
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने बसवराजेंद्र को हिरासत में ले लिया था और उसने बसवराजन को भूमिका सौंपी थी. बसवराजन पर मठ परिसर से आरोपी संत की तस्वीरें चुराने का भी आरोप है. लिंगायत मठ सेक्स स्कैंडल ने एक नया मोड़ ले लिया है. हालांकि, पुलिस दुष्कर्म के आरोपी संत के खिलाफ आरोपपत्र अदालत में दाखिल कर चुकी है और आधिकारिक तौर पर कहा है कि जांच में आरोप साबित हुए हैं.
Source : IANS