कांग्रेस को एक और झटका तय, अजहरुद्दीन की टीआरएस में जाने की अटकलें

टीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री केटीआर से मुलाकात के बाद इस तरह की अटकलें तेज हो गई हैं कि अजहर कांग्रेस से किनारा कर 10 साल से चला आ रहा नाता तोड़ सकते हैं.

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Nihar Saxena
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कांग्रेस को एक और झटका तय, अजहरुद्दीन की टीआरएस में जाने की अटकलें

टीआरएस के मंत्री से अजहर की मुलाकात के बाद अटकलें तेज.

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ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस की स्थिति एक डूबते जहाज की तरह हो गई है. लोग कांग्रेस से नाता तोड़ दूसरी पार्टियों का दामन थामने लगे हैं. अब बारी भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और हैदराबाद क्रिकेट संघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मोहम्मद अजहरुद्दीन की है. तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री केटीआर से मुलाकात के बाद इस तरह की अटकलें तेज हो गई हैं कि अजहर कांग्रेस से किनारा कर 10 साल से चला आ रहा नाता तोड़ सकते हैं.

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शनिवार को मुलाकात के बाद अटकलें तेज
ऊपरी तौर पर तो शनिवार को हुई इस मुलाकात को महज औपचारिक बताया जा रहा है. हालांकि इस मुलाकात को लेकर राजनीतिक गलियारे में चर्चा हो रही है और तमाम अटकलें लगाई जा रही हैं. ऐसी चर्चा है कि कांग्रेस से लोकसभा सांसद रह चुके अजहर अब कांग्रेस छोड़कर टीआरएस में जा सकते हैं. अजहर और टीआरएस के सूत्रों के मुताबिक मंत्री केटीआर ने एचसीए के अध्यक्ष अजहरुद्दीन और अन्य सदस्यों को शुभकामनाएं दीं. अजहर के साथ एचसीए पैनल के अन्य सदस्य भी केटीआर से मुलाकात में शामिल रहे.

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शुक्रवार को चुने गए एचसीए के अध्यक्ष
गौरतलब है कि अजहरुद्दीन को शुक्रवार को ही एचसीए का अध्यक्ष चुना गया है. इस पद के लिए चुने जाने के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत की. उन्होंने भी माना कि उनके तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) में शामिल होने की अफवाहें जोरों पर हैं. अभी तक एचसीए को लेकर प्रमुख भूमिका निभाने वाले पूर्व सांसद जी. विवेक ने अजहरुद्दीन को अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग दिया है. दूसरी तरफ अजहरुद्दीन के समर्थकों में चर्चा है कि समय आने पर अजहरुद्दीन टीआरएस में शामिल हो सकते हैं.

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कांग्रेस से 10 साल पुराने संबंध
अजहरुद्दीन का कांग्रेस से नाता करीब 10 साल पुराना है. वह 2009 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद सीट से सांसद चुने गए. उन्होंने बीजेपी के कुंवर सर्वेश कुमार सिंह को करीब 50 हजार वोटों से हराया था. हालांकि 2014 में राजस्थान के टोंक-सवाई माधोपुर से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अजहरुद्दीन को पार्टी की तेलंगाना इकाई का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया था. अगर यह बेल मुंडेर चढ़ती है तो दक्षिण में कांग्रेस के लिए यह एक बड़ा झटका होगा.

HIGHLIGHTS

  • अटकलें तेज हैं कि अजहर कांग्रेस संग 10 साल से चला आ रहा नाता तोड़ सकते हैं.
  • टीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री केटीआर से मुलाकात की.
  • ऊपरी तौर पर शनिवार को हुई इस मुलाकात को महज औपचारिक बताया गया.
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