कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की MUDA लैंड स्कैम मामले में मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं . अब हाईकोर्ट के फैसले ने उन्हें झटका दिया है. यहां गवर्नर के जांच ऑर्डर पर कोर्ट ने रोक लगाने से इनकार कर दिया है. दरअसल, इस केस को लेकर हाई कोर्ट से गवर्नर के खिलाफ उनकी याचिका खारिज हो गई है. एचसी ने सुनवाई के दौरान कहा कि याचिका में बताए गए तथ्यों की जांच करने की जरूरत है.
हाईकोर्ट ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण केस पर फैसला सुनाते हुए कहा कि, राज्यपाल कानून के हिसाब से केस चला सकते हैं. न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि, राज्यपाल स्वतंत्र निर्णय ले सकते हैं और राज्यपाल गहलोत ने अपने दिमाग का पूरी तरह से इस्तेमाल किया है, इसलिए, जहां तक आदेश (मुख्यमंत्री पर मुकदमा चलाने का) का सवाल है, राज्यपाल के एक्शन में कोई खामी नहीं है.
राज्यपाल पर लगाया गंभीर आरोप
कांग्रेस ने राज्यपाल पर भेदभावपूर्ण व्यवहार का आरोप लगाया था. पार्टी ने कहा था कि राज्यपाल के समक्ष कई अन्य मामले भी लंबित हैं, लेकिन उन्होंने उन पर कोई निर्णय नहीं लिया है. इसी बीच राज्यपाल गहलोत ने पिछले सप्ताह राज्य की मुख्य सचिव शालिनी रजनीश को कथित एमयूडीए घोटाले पर दस्तावेजों के साथ विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
क्या है माजरा
बता दें कि ये पूरा माजरा जमीन के एक टुकड़े से जुड़ा है. 3.14 एकड़ की जमीन सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के नाम पर है. कर्नाटक में मुदा जमीन आवंटन घोटाले में सीएम सिद्धारमैया को राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. साथ ही उनके खिलाफ जांच शुरू करने और मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है.
इसके बाद राज्यपाल के आदेश को सीएम सिद्धारमैया ने हाईकोर्ट में चुनौती दी. हाईकोर्ट ने सुनवाई 31 अगस्त तक के लिए टाल दी है. कोर्ट ने 19 अगस्त के अंतरिम आदेश को भी बढ़ा दिया. इसमें हाईकोर्ट ने विशेष एमपी एमएलए कोर्ट को सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ शिकायतों की सुनवाई को अगली कार्यवाही तक स्थगित करने के लिए कहा था.
भाजपा ने की थी इस्तीफे की मांग
इसके अलावा भाजपा इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री और उनकी सरकार पर लगातार हमलावर है. पार्टी ने सीएम सिद्धारमैया पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग की है. वहीं कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, सिद्धारमैया के खिलाफ केस चलाने की अनुमति दे चुके हैं. फिलहाल, हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद सीएम के लिए परेशानी खड़ी हो गई है.