कर्नाटक के उडुपी जिले की पुलिस ने बुधवार को ठेकेदार संतोष पाटिल की आत्महत्या मामले में अदालत में बीजेपी नेता और पूर्व आरडीपीआर मंत्री केएस ईश्वरप्पा के खिलाफ "बी रिपोर्ट" दाखिल की. इसमें पुलिस ने ईश्वरप्पा पर लगे आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपों को सही नहीं माना. उडुपी पुलिस के मुताबिक इस मामले की जांच के दौरान उन्हें ऐसा कोई सबूत नहीं मिला, जिससे यह साबित हो सके कि तत्कालीन मंत्री ईश्वरप्पा ठेकेदार संतोष पाटिल की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार है. हालांकि, अभी इस पर अलादत का रुख सामने नहीं आया. अगली सुनवाई में देखना होगा कि रिपोर्ट के अध्ययन के बाद इस मामले में अदालत पुलिस की बी-रिपोर्ट को स्वीकार करती है या नहीं.
मरने से पहले ठेकेदार ने लगाया था 40% कमीशन मांगने का आरोप
दरअसल, 12 अप्रैल को उडुपी के एक होटल के कमरे में बेलगावी के ठेकेदार संतोष पाटिल का शव मिला था और कमरे से एक जहर की बोतल भी बरामद हुई थी. 11 अप्रैल को संतोष पाटिल अपने दो दोस्तों के साथ उडुपी आया था. संतोष ने मौत से कुछ दिन पहले केएस ईश्वरप्पा पर आरोप लगाए थे कि उनके कहने पर उनके लोग संतोष को एक बिल का पेमेंट करने के एवज में 40 % कमीशन मांग रहे हैं. संतोष के मुताबिक जब केएस ईश्वरप्पा कर्नाटक के आरडीपीआर मंत्री थो तो उनके कहने पर संतोष ने बेलगावी जिले में 2021 में 4 करोड़ रुपए की लागत का सड़क निर्माण का काम किया था, लेकिन इस काम का पैसा आरडीपीआर विभाग नहीं कर रहा है और बिल पास करने के एवज में ईश्वरप्पा के कहने पर उसे 40% कमीशन मांगा जा रहा है.
ईश्वरप्पा पर लगा था आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप
संतोष की मौत के बाद उनके परिवार वालों ने केएस ईश्वरप्पा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. इसके बाद विपक्ष ने भी बीजेपी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया कर जब मामले को तूल दिया तो उडुपी पुलिस ने 13 अप्रैल को ईश्वरप्पा के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर लिया. इसके बाद बीजेपी सरकार दबाव में आई और 15 अप्रैल को ईश्वरप्पा ने आरडीपीआर मंत्री पद से इस्फाती दे दिया था. मामले की जांच कर रही उडुपी पुलिस ने प्राथमिक जानकारी देते हुए कहा था कि संतोष ने जहर पी कर आत्महत्या की थी.
मृतक ठेकेदार की थी पत्नी पर पुलिस पर दबाव की शिकायत
उडुपी पुलिस की ताजा रिपोर्ट से मतृक ठेकेदार संतोष के परिवार वाले काफी नाराज हैं. उनके मुताबिक ईश्वरप्पा ने अपने रुतबे का इस्तेमाल करके खुद को क्लीन चिट दिलाई है और जब तक संतोष को इंसाफ नहीं मिलता है, वह अपनी लड़ाई जारी रखेंगे. गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही संतोष पाटिल की पत्नी ने कर्नाटक के राज्यपाल को एक खत लिखा था और कहा था कि ईश्वरप्पा अपनी ताकत का इस्तेमाल कर के पुलिस पर दबाव बना रहे हैं, ताकि इस मामले में ईश्वरप्पा को क्लीन चिट मिल जाए. वहीं, कांग्रेस ने भी बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि बीजेपी सरकार ने ईश्वरप्पा को बचाया है, ताकि उनकी सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की लीपापोती की जाए.
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क्लीट चिट के बाद ईश्वरप्पा ने खुशी में बांटी मिठाइयां
पुलिस की क्लीन चिट मिलने के बाद केएस ईश्वरप्पा ने अपने घर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उन्हें यकीन था किपुलिस उन्हें क्लीन चिट देगी, क्योंकि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया था और वो संतोष पाटिल की मौत के लिए जिम्मेदार नहीं थे. ईश्वरप्पा ने अपने समर्थकों और परिवारवालों में इस मामले में बरी होने की खुशी में मिठाई भी बांटी.
Source : Yasir Mushtaq