सुपरस्टार रजनीकांत ने वन नेशन वन लेंग्वेज का विरोध किया है. उन्होंने बुधवार को कहा, हिंदी को नहीं थोपा जाना चाहिए. अगर ऐसा हुआ तो न केवल तमिलनाडु बल्कि दक्षिण भारत के सभी राज्य इसका विरोध करेंगे. देश को एकजुट रखने के लिए किसी एक कॉमन लेंग्वेज का होना जायज है लेकिन इसे थोपा जाना गलत है.
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इससे पहले तमिलनाडु की राजनीतिक पार्टी मक्कल निधि माईम के प्रमुख और दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपरस्टार अभिनेता कमल हासन भी वन नेशन वन लेंग्वेज का विरोध कर चुके हैं. उन्होंने कहा था, हम एक बार फिर दोहराना चाहेंगे कि तमिल हमारा गौरव है और हम इसे नहीं छोड़ेंगे. जब यह एक गणराज्य बना तब इसे संरक्षित करने के लिए हमसे वादा किया गया था. हम कई भाषाओं को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं लेकिन हिन्दी वह भाषा है जिसका हम विरोध करेंगे.
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इसके पहले कमल हासन ने ट्वीट करते हुए कहा था कि देश में एक भाषा को थोपा नहीं जा सकता. ऐसा होने पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा. कमल हासन ने कहा कि कोई शाह, सुल्तान या सम्राट अचानक वादा नहीं तोड़ सकता. 1950 में जब भारत गणतंत्र बना तो ये वादा किया गया था कि हर क्षेत्र की भाषा और संस्कृति का सम्मान किया जाएगा.