Greater Noida News: उत्तर प्रदेश को एक विकसित प्रदेश बनाने की दिशा में सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है. ग्रेटर नोएडा में विकास को गति देने के लिए दो प्रमुख योजनाओं पर काम शुरू किया गया है. इनमें सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना और संचालन के साथ-साथ गंगा जल परियोजना से संबंधित कार्य शामिल हैं.
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना
आपको बता दें कि सीएम योगी के विजन के अनुसार, ग्रेटर नोएडा के सेक्टर-1 में 'सिक्वेंशियल बैच रिएक्टर टेक्नोलॉजी' आधारित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया जाएगा. इस प्लांट की कुल लागत 79.57 करोड़ रुपये है और इसकी क्षमता 45 एमएलडी होगी. इस परियोजना को पूरा करने के लिए एजेंसी निर्धारण और कार्य आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इसके निर्माण के लिए 15 महीने का समय निर्धारित किया गया है और संचालन व प्रबंधन के लिए 120 महीने की समय सीमा तय की गई है.
गंगा जल परियोजना
वहीं गंगा जल परियोजना के तहत, 3 जोनल रिजरवॉयर में इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल और अन्य सिविल कार्यों को पूरा करने के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है. इस कार्य में कुल 11.44 करोड़ रुपये का व्यय अनुमानित है. ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण इस कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.
प्लांट का निर्माण और संचालन
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण को लेकर पहले एजेंसी द्वारा साइट एनवायरनमेंट प्लान तैयार किया जाएगा. निर्माण कार्यों में वायु और ध्वनि प्रदूषण के स्तर को मॉनिटर करते हुए न्यूनतम रखा जाएगा. प्लांट को सौर ऊर्जा युक्त बनाया जाएगा और इसके हाइड्रोलिक पंपों का संचालन सौर ऊर्जा के जरिए किया जाएगा.
अपशिष्ट प्रबंधन और सीवेज ट्रीटमेंट प्रक्रिया
आपको बता दें कि प्लांट में अपशिष्ट प्रबंधन के लिए सीवरेज आउटकम को गहरे गुरुत्वाकर्षण आउटफॉल सीवर से प्राप्त किया जाएगा. रॉ सीवेज को एक रिसीविंग चैंबर में डिस्चार्ज करने के बाद इसे मोटे स्क्रीन चैनल में छाना जाएगा. स्क्रीनिंग के बाद सीवेज वेट वेल में प्रवेश करेगा। प्लांट वेट वेल युक्त होगा, जिसकी क्षमता औसत और पीक फ्लो स्थितियों के दौरान पर्याप्त हाइड्रोलिक प्रतिधारण करने की होगी.
गंगा जल परियोजना के अंतर्गत कार्य
गंगा जल परियोजना के अंतर्गत 85 क्यूसेक क्षमता वाले गंगा जल प्रोजेक्ट में 3 जोनल रिजरवॉयर में विभिन्न कार्यों को पूरा किया जाएगा. इसमें इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट इंस्टॉलेशन, पाइपलाइन फिटिंग, फ्लोर माउंटेड क्लोरिनेशन सिस्टम, हाइपो क्लोराइड डोजिंग सिस्टम, मीटरिंग और डोजिंग पंप इंस्टॉलेशन शामिल हैं. परियोजना को 12 महीने की कार्यावधि में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.