उत्तर प्रदेश में PWD विभाग में मनमाने ढंग से बजट खर्च करने पर 102 अधिशासी अभियंताओं को दोषी ठहराया है. इनमें से 89 अभियंताओं की वेतन वृद्धि रोक दी गई है. जबकि, एक करोड़ रुपये से अधिक की राशि मनमाने ढंग से दूसरे मद में खर्च करने वाले 7 अभियंताओं को बड़ा दंड देने के लिए अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारंभ की गई है.
साल 2017-18 और 2018-19 में बस्ती में 300 से ज्यादा सड़कों के निर्माण में घपला हुआ था. 40 करोड़ रुपये के इस घपले में जांच अधिकारी ने अधिशासी अभियंता को दोषी ठहराया है. जबकि सहायक और अवर अभियंताओं के खिलाफ जांच जारी है. मीडिया में खबरें आने के बाद PWD के अधिकारियों से पूरे प्रदेश में बजट खर्च में मनमानी की जांच कराने के लिए कहा गया.
वित्त वर्ष 2015-16 से 2017-18 तक के दस्तावेजों की जांच कराई गई. जिसमें बड़े पैमाने पर फंड डायवर्जन (स्वीकृत मद के अलावा दूसरे मद में धनराशि का व्यय) के मामले मिले हैं. मिर्जापुर, आगरा, कानपुर व बस्ती मंडल में 4-4 एक्सईएन, अलीगढ़ में 14, आजमगढ़ में तीन, प्रयागराज में 7, वाराणसी में 10 और प्रयागराज में 10 एक्सईएन ने बिना अनुमति लिए फंड स्वीकृत मद के बजाय दूसरे मद में खर्च कर दिया. इसी तरह शेष 9 मंडलों में 42 एक्सईएन फंड डायवर्जन के दोषी पाए गए हैं.
49 एक्सईएन के मामले में अनुमति के लिए आयोग को पत्र भेज दिया गया है. वहीं रिटायर हो चुके 6 एक्सईएन के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने का फैसला लिया गया है. वहीं एक करोड़ से अधिक का फंड डायवर्जन करने वालों पर बर्खास्तगी की कार्रवाई की जा सकती है.
Source : News Nation Bureau