20 मार्च 2017 से 10 जुलाई 2020 के बीच यूपी पुलिस ने कुल 6126 एनकाउंटर किए. इस दौरान 13361 अपराधी गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे भेजे गए. इनमें 122 दुर्दांत अपराधी ढेर हुए, जबकि 13 जवान शहीद हुए. आठ पुलिसकर्मी तो कानपुर के चौबेपुर मुठभेड़ में ही शहीद हुए. 2293 अपराधी ऐसे थे, जिन्हें मुठभेड़ के दौरान गोली लगी और वे घायल हो गए. योगी राज के ऑपरेशन क्लीन के तहत पुलिस ने विकास दुबे एंड गैंग समेत 126 दुर्दांत अपराधियों को ढेर कर दिया. मुठभेड़ के दौरान 894 पुलिसवाले भी गोली लगने से घायल हुए, जबकि 13 को शहादत प्राप्त हुई.
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मेरठ में कुल 2070 मुठभेड़ों में पुलिस ने 3792 अपराधी गिरफ्तार किये
अब तक के योगी राज में सबसे ज्यादा एनकाउंटर मेरठ और आगरा में हुए. मेरठ में कुल 2070 मुठभेड़ों में पुलिस ने 3792 अपराधी गिरफ्तार किये. इनमें 1159 गोली लगने से घायल हुए, जबकि 59 को पुलिस ने मार गिराया. इसके बाद आगरा में 1422 एनकाउंटर्स किए गए. इस दौरान 3693 अपराधी गिरफ्तार हुए, जबकि 134 गोली लगने से घायल हुए. 11 अपराधियों को मार गिराया गया. इसके अलावा प्रयागराज में 245 एनकाउंटर में 492 अपराधी गिरफ्तार हुए, जबकि पांच मारे गए. इसी तरह बरेली में 879 एनकाउंटर्स में 1940 अपराधी गिरफ्तार किए गए.
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गोरखपुर में 196 मुठभेड़ों में 462 अपराधी पकड़े गए
गोरखपुर में 196 मुठभेड़ों में 462 अपराधी पकड़े गए और चार मारे गए. कानपुर में 419 मुठभेड़ों में 828 अपराधी गिरफ्तार और 8 ढेर हुए. लखनऊ में 227 मुठभेड़ में 580 अपराधी गिरफ्तार और 9 ढेर. वाराणसी में 379 मुठभेड़ के दौरान 792 अपराधी गिरफ्तार और 11 एनकाउंटर में मारे गए. लखनऊ कमिश्नरी में 30 एनकाउंटर में 65 गिरफ्तार और दो की मौत हो गई. गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) कमिश्नरी में 259 मुठभेड़ में 717 गिरफ्तार और 6 अपराधी मारे गए.