देव दीपावली की रात शिव की नगरी का नजारा देवलोक का आभास कराएगा. देव दीपावली के पर्व पर वाराणसी में घाट, कुंड, गलियां और चौबारे दीपों से रौशन होंगे. साथ ही घाटों पर लेजर शो दिखेगा. वहीं, पहली बार कन्याएं मां गंगा की आरती उतारेंगी और 108 किलो फूल से शृंगार किया जाएगा और इस बार 4 लाख लोगों की आने की उम्मीद है. घाट, कुंड, गलियां, चौबारे और घर की चौखट दीयों की रौशनी से जगमग होगी. अस्सी से राजघाट तक 84 घाटों के बीच 22 से अधिक जगहों पर गंगा आरती का आयोजन किया जाएगा.कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली और गुरु नानक जयंती का पर्व मनाया जाता है. इस साल देव दीपावली 19 नवंबर, शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी.
शहर से लेकर गांव, घाट और नदियों के किनारों को रौशनी से सजाने की तैयारियां चल रही हैं. चेतसिंह घाट, राजघाट पर लेजर दिखाया जाएगा. साथ ही गंगा घाट 15 लाख दीयों से जगमग होंगे.उत्तरवाहिनी गंगा के तट से लेकर वरुणा के किनारे दीपमालिकाओं की मणिमाला से रौशन होंगे. दीपों से सजी भव्य रंगोलियों की अनगिनत शृंखलाएं चौरासी गंगा घाटों पर आकर्षण का केंद्र होंगी. इसमें अस्सी, भदैनी, तुलसीघाट, शिवाला, हरिश्चंद्र, शंकराचार्य घाट, दशाश्वमेध, अहिल्याबाई, ललिताघाट, पंचगंगा घाट, सिंधिया घाट, मणिकर्णिका घाट प्रमुख हैं और इस बार वाराणसी में 4 लाख की भीड़ होने की उम्मीद है.
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भगवान विश्वेश्वर की नगरी में कन्याएं पहली बार मां गंगा की महाआरती उतारेंगी. गंगोत्री सेवा समिति की ओर गंगा आरती के इतिहास में पहली बार पांच कन्याएं आरती करेंगी. काशी के विद्वानों की सहमति के बाद यह निर्णय लिया गया है. पांच कन्याओं के अलावा 21 बटुक और 42 रिद्धि-सिद्धि महाआरती में शामिल होंगी.
HIGHLIGHTS
- इस साल देव दीपावली 19 नवंबर, शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी
- वाराणसी में 4 लाख की भीड़ होने की उम्मीद है
- अस्सी से राजघाट तक 84 घाटों के बीच 22 से अधिक जगहों पर गंगा आरती का आयोजन