मरने के बाद दफनाने के लिए जमीन के लिए संघर्षरत शामली के बंजारा परिवार ने फिर से हिंदू धर्म अपना लिया लिया है. इन सभी ने दफनाने के लिए जमीन की आस में मुस्लिम धर्म अपनाया था लेकिन जब इसके बाद भी जमीन नहीं मिली तो वापस हिंदू धर्म अपना लिया. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की योजना बाकी बचे करीब 200 लोगों की 'घर वापसी' कराने की है. RSS के स्वयंसेवक रिक्की रावत ने कहा कि हमने बंजारा समुदाय के और भी लोगों का धर्म परिवर्तन कराकर उन्हें जमीन मुहैया कराने के लिए प्रशासन को पत्र लिखा है. वहीं बीजेपी पार्षद दीपक सैनी ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए बंजारों को भविष्य में मुख्यधारा से जोड़ते हुए मृतकों का अंतिम संस्कार कराने की तैयारी की योजना बताते हैं.
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शामली जिले के कांधला में कई बंजारों ने मुस्लिम धर्म अपना लिया था. यह परिवार बंजारा समुदाय से आता है, जो मृतकों को दफनाने की जमीन पाने के लिए हमेशा संघर्षरत रहा है. इसके लिए उन्होंने इस्लाम में परिवर्तित हो जाने का रास्ता अपनाया. हालांकि जमीन की उपलब्धता मुश्किल ही बनी रही. इब इन्हें जमीन सुनिश्चित कराए जाने का आश्वासन दिया गया. इसके बाद सभी लोग लोग वापस हिंदू धर्म में परिवर्तित हो गए. शामली में कई ऐसे बंजारे हैं जो मुस्लिम धर्म अपना चुके हैं. इनकी संख्या 200 से अधिक बताई जा रही है. आरएसएस ऐसे लोगों को वापस हिंदू धर्म अपने के लिए बातचीत कर रहा है. कई लोग इसके लिए जारी भी हो गए हैं. जल्द ही कई और लोगों को हिंदू धर्म में वापस परिवर्तित किए जाएगा.
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शुद्धिकरण कराने वाले यशवीर महाराज ने कहा कि वह लगातार परिवार वालों से संपर्क कर हिंदू धर्म अपनाने को लेकर विश्वास में ले रहे थे. हालांकि शामली की डीएम जसजीत कौर ने कहा कि कानूनी तौर पर धर्मांतरण होना अभी बाकी है. डीएम ने कहा कि वे मुस्लिम से हिंदू में नाम परिवर्तित कराना चाहते हैं. तकनीकी तौर पर अभी ये प्रक्रियाएं हुई नहीं हैं.