उत्तर प्रदेश के बागपत से कैदियों की चालाकी का एक बेहद ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. कैदियों ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उन्हें इस चालाकी की काफी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. जी हां, कैदियों की चालाकी के बाद सामने आए नतीजे जानकर आप भी दंग रह जाएंगे. बता दें कि बागपत जेल में बंद दो कैदी कोर्ट में पेशी के बाद परिजनों से मिले और उनसे मोबाइल फोन और चरस लेकर अपने प्राइवेट पार्ट के रास्ते पेट में छिपा लिया.
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कोर्ट से लौटकर जब दोनों कैदी वापस जेल आ गए तो उन्हें पेट में जबरदस्त दर्द होने लगा. काफी देर तक दर्द सहन करने के बाद जब उन्हें कोई और चारा नहीं मिला तो उन्होंने जेल अधिकारी से बात कर मेडिकल मदद की मांग की. कैदियों की गुहार पर जेल अधिकारियों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया. अस्पताल पहुंचने के बाद जब डॉक्टर ने उनका प्राथमिक उपचार किया तो उनका दर्द और भी ज्यादा बढ़ गया.
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मामला बिगड़ता देख दोनों कैदियों ने फैसला किया कि वे डॉक्टर को सारी सच्चाई बता देंगे. जिसके बाद दोनों ने डॉक्टर को बताया कि उन्होंने अपने गुप्तांग के जरिए पेट में चरस की बत्तियां और मोबाइल फोन डाल लिया है. कैदियों की बातें सुनकर डॉक्टर के पैरों तले जमीन खिसक गई. डॉक्टरों ने काफी मशक्कत के बाद कैदियों के पेट से चरस की बत्तियां तो निकाल लीं और काफी कोशिश करने के बाद भी वे मोबाइल फोन निकालने में कामयाब नहीं हो पाए.
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डॉक्टरों ने कहा है कि मोबाइल फोन निकालने के लिए कोशिशें जारी हैं. यदि सामान्य तरीकों से मोबाइल फोन बाहर नहीं आया तो उनके पेट का ऑपरेशन करना पड़ेगा. इस पूरे मामले में कुछ पुलिसकर्मियों पर भी गाज गिरनी तय है जिन्होंने कैदियों को फोन और चरस की बत्तियां शरीर में डालने में मदद की थी. रिपोर्ट के मुताबिक दोनों कैदियों ने पुलिसकर्मियों की साठगांठ से परिजनों से मुलाकात की और उनसे मोबाइल और सुल्फा लिया. जेल में पकड़े जाने के डर से दोनों कैदियों ने उसे अपने गुप्तांग के जरिए पेट में छिपा लिया था.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो