गोरखपुर (Gorakhpur) मेडिकल कॉलेज में 2017 में कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी के कारण बड़ी संख्या में बच्चों की मौत के मामले में निलंबित किए गए कॉलेज प्राचार्य समेत दो वरिष्ठ चिकित्सकों को फिर से नियुक्ति दे दी गई है. हालांकि दोनों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई जारी रहेगी. गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर गणेश कुमार ने शुक्रवार को 'भाषा' को बताया कि सरकार के आदेश के मुताबिक निलंबन के वक्त मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य रहे डा. राजीव मिश्रा और एनेस्थीसिया विभाग के प्रमुख रहे डॉ. सतीश कुमार को मेडिकल कॉलेज में फिर से तैनाती दे दी गई है.
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उन्होंने बताया कि डॉ. राजीव मिश्रा को मेडिकल कॉलेज के पैथोलॉजी विभाग में फैकल्टी के पद पर, जबकि डॉ सतीश कुमार ने एनेस्थीसिया विभाग में फैकल्टी के पद पर नियुक्त किया गया है. राजीव मिश्रा अगस्त 2017 में मरीज बच्चों की मौत की त्रासदी के वक्त गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य थे. उनके खिलाफ आपराधिक साजिश रचने, गैर इरादतन हत्या के प्रयास तथा भ्रष्टाचार के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था. उच्चतम न्यायालय ने तीन जुलाई 2018 को उन्हें जमानत पर रिहा करने के आदेश दिये थे.
मिश्रा के बेटे डॉ. पूरक मिश्रा ने 'भाषा' से बातचीत में कहा, 'हमें ढाई वर्षों के संघर्ष के बाद इंसाफ मिला. मुझे बेहद खुशी है. मेरे पिता को मेडिकल कॉलेज में फिर से तैनाती मिल गई. मेरे पिता और डॉ.सतीश ने बृहस्पतिवार को कार्यभार भी संभाल लिया.' डॉ.सतीश कुमार गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत की इस त्रासदी के वक्त एनेस्थीसिया विभाग के अध्यक्ष और स्टॉक प्रभारी थे. उनके खिलाफ गैर इरादतन हत्या के प्रयास, अभिलेखों में गड़बड़ी, धोखाधड़ी करने इत्यादि के आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया था.
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उच्च न्यायालय ने मई 2018 में उन्हें जमानत पर रिहा करने के आदेश दिये थे. हालांकि इसी मामले में निलंबित किए गए डॉ कफील खान को बहाल नहीं किया गया है. वह मथुरा जेल में बंद हैं और उन पर एक अन्य मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की गई है. डॉ राजीव मिश्रा और सतीश कुमार को 10-11 अगस्त 2017 को गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में कथित रूप से लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने के कारण 30 से ज्यादा बच्चों की मौत के मामले में निलंबित कर गिरफ्तार कर लिया गया था.
इस मामले में कुल 9 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. अभियुक्तों में डॉक्टर राजीव मिश्रा, सतीश कुमार और कफील खान के अलावा आक्सीजन आपूर्तिकर्ता कम्पनी के निदेशक मनीष भण्डारी, मुख्य फार्मासिस्ट गजानन जायसवाल, लिपिक सुधीर कुमार पाण्डेय और संजय कुमार त्रिपाठी तथा पुष्पा सेल्स के कर्मचारी उदय प्रताप शर्मा भी शामिल थे. अभियुक्तों में मिश्रा की पत्नी डॉक्टर पूर्णिमा शुक्ला भी शामिल हैं. वह अगस्त 2019 में सेवानिवृत्त हो चुकी हैं. उच्चतम न्यायालय ने 27 जुलाई 2018 को उन्हें जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए थे.
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