उत्तर प्रदेश की राजधानी के बाहरी इलाके में स्थित एक कीटनाशक फैक्ट्री के मालिक के खिलाफ लखनऊ पुलिस ने मामला दर्ज किया है. दरअसल फैक्ट्री से निकले जहरीले रसायनों के गोमती नदी में मिलने से नदी का पानी जहरीला हो गया, जिसे पीने से 28 भैंसों की मौत हो गई है. नदी का पानी पीने के बाद 11 अन्य भैंसें भी बीमार पड़ गईं, जिनका इलाज पशु चिकित्सकों द्वारा किया जा रहा है. यह घटना शुक्रवार शाम की है. उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भैंसों की मौत की वजह का पता लगाने के लिए एक प्रयोगशाला में भी नमूने भेजे हैं.
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पुलिस में शिकायत दर्ज कराने वाले स्थानीय निवासी रमाकांत ने कहा, 'तारा का पुरवा गांव की करीब 42 भैंसें चिनहट के देवस्थान इलाके में एक नाले के किनारे चरने गई थीं. इसके बाद नाले का पानी पीने से भैंसें बेहोश होने लगीं.' उन्होंने आगे कहा, 'फैक्ट्री से निकलने वाले अपशिष्टों को नाली में बहा दिया गया था, जिसमें शायद कुछ जहरीला पदार्थ था. हमने 28 भैंसों को मरा और 11 को गंभीर रूप से बीमार पाया. हमने बीमार भैंसों को पशु अस्पताल में भर्ती करा दिया. कई भैंसें अभी भी लापता हैं. हमें अंदेशा है कि उनका लापता होना इस अपराध को छिपाने का एक प्रयास है.'
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चिनहट के एसएचओ, सचिन सिंह ने कहा कि रमाकांत की शिकायत पर इंडियन पेस्टिसाइड लिमिटेड के मालिक विशाल स्वरूप अग्रवाल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने कहा कि एक बार टेस्ट रिपोर्ट आ जाए उसके बाद हम कार्रवाई करेंगे. वहीं, स्थानीय लोगों ने कहा कि नाले से आ रही सड़ांध आसपास के कॉलोनियों में फैल गई है. घटना के बाद शनिवार को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च (आईआईटीआर) ने पानी का नमूना एकत्र करने के लिए वैज्ञानिकों की एक टीम को भेजा था.
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